भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने एक दिन पहले अपने महत्वाकांक्षी सूरज मिशन में कामयाबी पाई है। स्पेस एजेंसी ने सौर मिशन के तहत आदित्य एल-1 (Aditya L1) को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेज दिया है। पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट ने उड़ान भरी, जो अब 120 दिनों के लंबे सफर पर है। अब स्पेस एजेंसी की नजरें इससे भी आगे गगनयान मिशन (Gaganyaan) पर टिक गई हैं। आइए जानते हैं इसरो का ये मिशन क्या है, और इसकी तैयारी कहां तक की जा चुकी है।
चंद्रयान-3 के तहत चांद पर चहलकदमी करने में कामयाब हुई इसरो ने आदित्य एल-1 को भी सूर्य पर नजर रखने के लिए सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। अब बारी गगनयान (
Gaganyaan) की है। साइंस और टेक्नोलॉजी के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बारे में इसरो से जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि गगनयान के लिए पहला ट्रायल अक्टूबर में किया जा सकता है। गगनयान इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) का एक महत्वाकांक्षी मिशन है जिसमें कंपनी मनुष्य को स्पेस में भेजने की तैयारी में है जो कि 300-400 किलोमीटर की ऊंचाई पर किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ISRO में बोलते हुए कहा कि गगनयान का पहला ट्रायल अक्टूबर में हो सकता है। यह अगले महीने ही है। इससे पहले इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ भी कह चुके हैं कि सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में एक मिशन लॉन्च किया जा सकता है। इसरो चीफ ने कहा कि वे सितंबर के अंत या, अक्टूबर में गगनयान के लिए एक मिशन शुरू कर सकते हैं। जिसमें क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमताओं का प्रदर्शन किया जा सकता है। उसके बाद इसमें लगातार कई टेस्ट होंगे।
ISRO ने हाल ही में गगनयान मिशन के लिए कुछ टेस्ट किए थे।
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और आखिर में संभावित रूप से 2025 तक मानव सहित एक मिशन स्पेस में भेजे जाने की तैयारी है।
गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) के तहत ISRO का लक्ष्य स्पेस में तीन व्यक्तियों को भेजने का रहेगा। हालांकि मिशन को 2021 के लिए प्लान किया गया था लेकिन उस वक्त चल रही कोरोना महामारी (COVID-19) के कारण इसमें देरी हो गई। मिशन के तहत इसरो तीन फ्लाइट स्पेस में भेजेगी। इनमें से दो फ्लाइट्स मानव रहित होंगी जबकि एक फ्लाइट मानव सहित होगी। प्लान में पृथ्वी के निचले ऑर्बिट में कुछ दिनों तक 300-400 किलोमीटर की ऊंचाई पर मनुष्य को रखना है। इसके लिए इसरो कुछ
टेस्ट भी कर चुकी है जिसमें सर्विस मॉड्यूल प्रॉपल्शन सिस्टम (SMPS) और पैराशूट डिप्लोयमेंट टेस्ट शामिल है।