भारत ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपना प्रथम स्वदेशी दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्रक्षेपण यान (आरएलवी) को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के निदेशक देवी प्रसाद कार्णिक ने बताया, "हमने आरएलवी-टीडी मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसे यहां से सुबह सात बजे प्रक्षेपित किया गया।"
इस 1.7 टन वजनी आरएलवी को आंध्र प्रदेश में इसरो के अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष यान ‘आरएलवी’ यानी पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान के सफल प्रक्षेपण पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष यान आरएलवी-टीडी का प्रक्षेपण हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों का नतीजा है। उन्हें बधाई।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारे वैज्ञानिक और इसरो जिस गतिशीलता और समर्पण के साथ वषरें से काम करते आए हैं, वह अद्भुत है और बेहद प्रेरणादायी है।’’
भारत ने सोमवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से स्वदेश निर्मित आरएलवी के पहले प्रौद्योगिकी प्रदर्शक का सफल प्रक्षेपण किया। यह प्रक्षेपण यान उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर की कक्षाओं में प्रक्षेपित करने और फिर वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने में सक्षम है।
आरएलवी को भारत का अपना अंतरिक्ष यान कहा जा रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लागत कम करने, विश्वसनीयता कायम करने और मांग के आधार पर अंतरिक्ष तक पहुंच बनाने का एक साझा हल है।
आरएलवी-टीडी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन अभियानों की एक सीरीज है, जिसे पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल किए जा सकने वाले यान ‘टू स्टेज टू ऑर्बिट’ (टीएसटीओ) को हकीकत में बदलने की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है।
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