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Bhartiya Antariksha Station : ऐसा होगा भारत का स्‍पेस स्‍टेशन, 52 टन वजन…6 एस्‍ट्रोनॉट्स के रुकने का इंतजाम, और…

Bhartiya Antariksha Station : भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 52 टन के करीब का होगा। पहले यह साइज 25 टन था।

Bhartiya Antariksha Station : ऐसा होगा भारत का स्‍पेस स्‍टेशन, 52 टन वजन…6 एस्‍ट्रोनॉट्स के रुकने का इंतजाम, और…

Photo Credit: idrw.org

स्‍पेस स्‍टेशन की लंबाई 27 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर होगी।

ख़ास बातें
  • भारत के स्‍पेस स्‍टेशन की तैयारी तेज
  • कैसा दिखेगा स्‍पेस स्‍टेशन, डिजाइन आया सामने
  • 52 टन होगा स्‍पेस स्‍टेशन का कुल साइज
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Bhartiya Antariksha Station : स्‍पेस स्‍टेशनों की बात होती है, तो पृथ्‍वी से बाहर दो प्रमुख स्‍पेस स्‍टेशन मौजूद हैं। इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) सबसे पुराना है। दूसरा स्‍टेशन चीन का तियांगोंग है, जोकि उसने खुद के दम पर तैयार किया है। भारत ने भी इस दिशा में कुछ साल पहले कदम बढ़ा दिए थे। हम भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) पर काम कर रहे हैं। इसका लेटेस्‍ट डिजाइन सामने आ गया है। खास बात है कि पहले पेश किए गए डिजाइन के मुकाबले इस बार BAS का साइज बढ़ाया गया है और उसमें अंतरिक्ष यात्री भी ज्‍यादा संख्‍या में रुक पाएंगे। 

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 52 टन के करीब का होगा। पहले यह साइज 25 टन था। स्‍पेस स्‍टेशन की लंबाई 27 मीटर और चौड़ाई 20 मीटर होगी। यह साइंटिफ‍क एक्‍सपेरिमेंट के लिए पर्याप्‍त आकार होगा। 

सामान्‍य मिशनों के दौरान भारतीय अंतरिक्ष स्‍टेशन में 3 से 4 एस्ट्रोनॉट्स मौजूद रहेंगे। हालां‍कि कम समय के लिए इसमें 6 अंतरिक्ष यात्री भी रुक पाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, लेटेस्‍ट डिजाइन में अंतरिक्ष यात्रियों के ठहरने की कैपिसिटी पहले से दोगुनी हो गई है। 

भारतीय अंतरिक्ष स्‍टेशन धरती से 400 से 450 किलोमीटर ऊपर गोलाकार ऑर्बिट में पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाएगा। इससे अंतरिक्ष यात्र‍ियों को पृथ्‍वी का ऑब्‍जर्वेशन करने व अन्‍य रिसर्च में मदद मिलेगी। इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO का लक्ष्‍य है कि भारत का स्‍पेस स्‍टेशन साल 2035 तक ऑपरेट करने लगे। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के स्‍पेस स्‍टेशन में ऐसे सिस्‍टम भी लगाए जाएंगे, जि‍ससे जरूरत पड़ने पर दूसरे देशों के स्‍पेसक्राफ्ट भी इसमें डॉक हो सकें। अंतरिक्ष में मौजूद कचरा, स्‍पेस स्‍टेशनों के लिए समस्‍या बनता है। उससे भारतीय स्‍टेशन को कैसे बचाया जाए, इसके भी उपाय किए जा रहे हैं। 

खास यह भी है कि अपना स्‍टेशन स्‍टेशन तैयार करने से पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस की सैर करके आएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह कुछ वक्‍त के लिए इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन में रुक सकते हैं। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) के चीफ बिल नेल्‍सन कह चुके हैं कि एक से दो साल में भारतीय एस्‍ट्रोनॉट्स को आईएसएस पर ले जाया जा सकता है। 
 
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