अंतरिक्ष की दुनिया में भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के नाम से हर कोई परिचित होगा। सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया है। सुनीता ने बीते दिन तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी है। दरअसल यह उड़ान अपने आप में एक मिसाल है। सुनीता ने बोइंग के CST 100 स्टारलाइनर स्पेस क्राफ्ट Calypso में उड़ान भरी जिसकी पायलेट वह खुद हैं। स्टारलाइनर Calypso को वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ले गईं हैं। जिसमें उनके साथ नासा के एक और अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी हैं। बुच विल्मोर मिशन के कमांडर के रूप में उनके साथ हैं।
यह उड़ान इसलिए इतिहासकारी है क्योंकि
सुनीता विलियम्स इस उड़ान के बाद इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला बन गई हैं। यह मिशन एक क्रू फ्लाइट टेस्ट है जिसे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना किया गया। इससे पहले Space X का क्रू ड्रैगन कैप्सूल ही एक मात्र ऐसा स्पेस क्राफ्ट रहा है जो
नासा के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन (
ISS) में भेजने के लिए उड़ान भरता आया है। लेकिन स्टारलाइनर भी अब इसकी प्रतिस्पर्धा में उतार दिया गया है। और इसको उड़ाने वाली सुनीता विलियम्स पहली महिला क्रू मेंबर बन गई हैं।
सुनीता विलियम्स की स्पेस में यह तीसरी उड़ान है।
Boeing Starliner स्पेसक्राफ्ट पर उन्होंने 25 घंटे की उड़ान भरी है। यानी इसमें 25 घंटे का समय लग सकता है। वो स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक लेकर गईं हैं। उसके बाद उसे ISS के साथ डॉक किया जाएगा। दोनों क्रू मेंबर वहां एक हफ्ते का समय बिताएंगे। उसके बाद 14 जून को वापसी के लिए फिर से स्टारलाइनर पर सवार हो जाएंगे।
हालांकि, यह स्पेसक्राफ्ट स्वचालित है लेकिन फिर भी क्रू ने इसके हैंड कंट्रोलर का इस्तेमाल किया। Fortune India की
रिपोर्ट के अनुसार, फार फील्ड डेमो के दौरान उन्होंने स्टारलाइनर की नाक को धरती की तरफ कर दिया ताकि इसके कम्युनिकेशन एंटिना की दिशा ट्रैकिंग एंड डेटा रिले सैटेलाइट्स की तरफ हो जाए। उसको बाद उन्होंने स्टारलाइनर को इस तरह से घुमाया ताकि इसके सोलर एर्रे सूर्य की तरफ हो जाएं, और वे इसकी इंटरनल बैटरी को चार्ज कर सकें। उसके बाद स्टारलाइनर को फिर से घुमाया गया और इसकी नाक धरती से दूसरी तरफ कर दी गई ताकि यह तारों की दिशा में हो जाए।
इन सभी स्टेप्स के साथ क्रू ने सुनिश्चित किया कि स्टारलाइनर को मैनुएली भी सब तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। इस दौरान स्टारलाइनर की स्पीड को भी मैनुएली कम और ज्यादा करके देखा गया।
Calypso को Boeing ने डेवलप किया है, जिसके लिए कंपनी का नासा के साथ कॉन्ट्रेक्ट है। इसके उड़ान भरने से पहले कई बार इसमें रुकावटें भी आईं। लेकिन बुधवार को आखिरकार इसने अपनी पहली उड़ान भरी। यह टेस्ट फ्लाइट अभी तक सफल रही है और इसी के साथ भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने क्रू के रूप में इसकी पहली महिला पायलेट बनकर इतिहास रच दिया।