भारत का आधुनिक पुष्पक रॉकेट शुक्रवार को होगा लॉन्च

इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 21 मार्च 2024 19:42 IST
ख़ास बातें
  • यह एक रियूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) है
  • पुष्पक रॉकेट की यह तीसरी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट होगी
  • इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी
पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष में भारत के अभियानों की सफलता तेजी से बढ़ी है। इसी कड़ी में शुक्रवार (22 मार्च) को रियूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) कर्नाटक में चलाकेरे रनवे से लॉन्च किया जाएगा। इसे पुष्पक कहा जाएगा। यह रियूजेबल रॉकेट सेगमेंट में एंट्री करने की देश की एक कोशिश है। 

पुष्पक की यह तीसरी एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट होगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन, S Somanath ने बताया, "पुष्पक लॉन्च व्हीकल अंतरिक्ष तक पहुंचने का सबसे किफायती जरिया होगा। इस रियूजेबल लॉन्च व्हीकल का सबसे महंगा हिस्सा रियूजेबल बनाया गया है। इससे यह सुरक्षित तरीके से धरती पर वापस लाया जा सकेगा। इस ऊपरी हिस्से में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम होता है। यह बाद में इन-ऑर्बिट सैटेलाइट्स की रिफ्यूलिंग करने के साथ ही ऑर्बिट से सैटेलाइट्स को रिबर्फिशमेंट के लिए ला सकेगा। यह अंतरिक्ष में मलबे को न्यूनतम करने की दिशा में एक कदम है।" 

इसकी पहली एक्सपेरिमेंटल फ्लाइट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 2016 में हुई थी। इसने बंगाल की खाड़ी में एक वर्चुअल रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इसके बाद यह योजना के तहत समुद्र में डूब गया था। इसका दूसरा टेस्ट पिछले वर्ष 2 अप्रैल को चित्रदुर्ग एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज पर हुआ था। इसके नाम के बारे में सोमनाथ ने बताया कि रामायण में भारत के पौराणिक विमान का संदर्भ दिया गया है। इसे संपत्ति के देवता का वाहन माना जाता है। इस कारण से 21वीं सदी के इस रॉकेट को यह नाम दिया गया है। उन्होंने कहा, "इसके व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध लॉन्चर बनने के बाद यह रेवेन्यू का एक बड़ा जरिया हो सकता है।" पिछले वर्ष ISRO ने चंद्रयान के सफल अभियान के साथ दुनिया भर में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया था। 

ISRO के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के प्रोग्राम डायरेक्टर (एडवांस्ड टेक्नोलॉजी एंड सिस्टम्स ग्रुप), Sunil P ने कहा, "पुष्पक भविष्य का रॉकेट है। ISRO का उद्देश्य ऐसा व्हीकल लॉन्च करना है जो अंतरिक्ष तक कम कॉस्ट में पहुंचा सके।" भारत ने लगभग 15 वर्ष पहले स्पेस शटल का अपना वर्जन डिवेलप करने की योजना बनाई थी। इसके कुछ वर्ष बाद वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक टीम ने RLV बनाने का कार्य शुरू किया था। इस 6.5 मीटर के विमान जैसे रॉकेट का भार लगभग 1.75 टन का है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. बिलिनेयर Elon Musk को मिलेगी 1 लाख करोड़ डॉलर की सैलरी, Tesla के शेयरहोल्डर्स ने दी मंजूरी
  2. Oppo Find X9 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 7,000mAh से ज्यादा की बैटरी
#ताज़ा ख़बरें
  1. Lava Agni 4 में मिल सकती है 5,000mAh की बैटरी, जल्द होगा लॉन्च
  2. Huawei ने छोटे से ईयरबड्स में फिट किया हाई क्वालिटी साउंड, लॉन्च किए FreeBuds Pro 5
  3. Numeros Motors ने लॉन्च किया इलेक्ट्रिक स्कूटर n-First, जानें प्राइस, रेंज
  4. बिलिनेयर Elon Musk को मिलेगी 1 लाख करोड़ डॉलर की सैलरी, Tesla के शेयरहोल्डर्स ने दी मंजूरी
  5. Realme C85 5G जल्द होगा भारत में पेश, लॉन्च टाइमलाइन का हुआ खुलासा, जानें सबकुछ
  6. Oppo Find X9 सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 7,000mAh से ज्यादा की बैटरी
  7. स्मार्टफोन खो गया? UPI आईडी को तुरंत कर दें ब्लॉक, सबसे आसान तरीका
  8. Honor 500 Pro फोन 8000mAh बैटरी और 200MP कैमरा के जल्द होगा लॉन्च! लीक हुए स्पेसिफिकेशन्स
  9. 3000 रुपये सस्ता मिल रहा Poco का 50MP कैमरा, 7550mAh बैटरी वाला स्मार्टफोन, जानें ऑफर
  10. Poco F8 Pro में नहीं मिलेगा चार्जर! लेकिन Bose साउंड फीचर से होगा लैस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.