मंगल ग्रह पर खोज के मामले में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) सबसे आगे दिखाई देती है। नासा के दो प्रमुख रोवर मंगल ग्रह पर मिशन में जुटे हैं। इनमें शामिल हैं पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) और क्यूरोसिटी रोवर (Curiosity rover) पर्सवेरेंस रोवर ने पिछले साल 18 फरवरी को मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर रीजन में लैंड किया था। तभी से यह वहां जीवन के सबूतों की तलाश कर रहा है। पर्सवेरेंस रोवर सभी जरूरी सैंपल्स को भी इकट्ठा कर रहा है, जिन्हें फ्यूचर मिशन के जरिए पृथ्वी पर लाने की तैयारी नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी कर रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन सैंपल्स के पृथ्वी पर आने में अभी कई साल हैं, उससे पहले रोवर ने कुछ आश्चर्यजनक डेटा को पृथ्वी पर भेजा है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और ओस्लो यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक रिसर्च टीम की स्टडी के अनुसार, पर्सवेरेंस के ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार ने पाया है कि जेजेरो क्रेटर के नीचे चट्टान की परतें अजीब तरह से झुकी हुई हैं। ये अजीब सेक्शन लावा के बहने की वजह से हो सकते हैं, जो वक्त के साथ ठंडे हो जाते हैं या अंडरग्राउंड झील से तलछट में जमा हो सकते हैं।
इन फाइंडिंग्स का वर्णन करने वाला पेपर हाल ही में जर्नल साइंस एडवांस में दिखाई दिया। जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह पर उत्तरी लोलैंड्स और दक्षिणी हाइलैंड्स के बीच सिर्टिस मेजर प्लानम में स्थित है। यह लगभग 45 किमी व्यास का है। माना जाता है कि यह जगह कभी एक झील हुआ करती थी।
इस इलाको को खासतौर पर पर्सवेरेंस रोवर के लिए लैंडिंग साइट के रूप में चुना गया था। क्यूरियोसिटी रोवर की तरह ही पर्सवेरेंस का मकसद भी उस समय के बारे में जानकारी जुटाना है, जब मंगल की सतह पर पानी बह रहा था। इससे वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि आखिर कैसे यह ग्रह सूख गया।
डेटा का विश्लेषण करने के बाद रिसर्च टीम ने नोट किया कि पर्सवेरेंस ने जिस इलाके को सर्वे किया था, वहां लेयर्ड चट्टानें आम थीं। झुके हुए इलाकों में ज्यादा रिफ्लेक्टिव चट्टान की परतें थीं, जो कई दिशाओं में झुकती थीं। फिलहाल यह सब एक लावे के बहने का संकेत देती हैं, जो समय के साथ जम गया होगा। हालांकि इस बारे में ज्यादा सबूत तब हासिल होंगे, जब पर्सवेरेंस के सैंपल पृथ्वी पर आएंगे और वैज्ञानिक उनका विश्लेषण करेंगे।