दुनियाभर के वैज्ञानिक पृथ्वी के अलावा ऐसे ग्रहों की तलाश में जुटे हैं, जहां जीवन मुमकिन हो सकता है। लेकिन अगर कहा जाए कि ऐसे ग्रहों की संख्या एक-दो नहीं बल्कि अरबों में हो सकती है, तो यकीन करना मुश्किल होगा। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट चक ब्रूक्स ने फोर्ब्स मैगजीन में यह समझाने की कोशिश की है। तमाम रिसर्चों के हवाले से वह लिखते हैं कि
न्यूजीलैंड में ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के खगोलविदों का दावा है कि अकेले हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की-वे में पृथ्वी जैसे लगभग 100 अरब ग्रहों की मौजूदगी हो सकती है। चक ब्रूक्स कहते हैं कि ब्रह्मांड में मौजूद 500 अरब से ज्यादा आकाशगंगाओं से गुणा की जाए, तो हमारे ब्रह्मांड में लगभग 50,000,000,000,000,000,000 ग्रह रहने योग्य हो सकते हैं। जाहिर तौर पर आप इस संख्या को नहीं पढ़ पा रहे होंगे, चक ब्रूक्स ने यह संख्या 50 सेक्सटिलियन (sextillions) बताई है।
डेली स्टार की
रिपोर्ट के अनुसार, चक ब्रूक्स का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पृथ्वी जैसे ग्रहों की संभावना से दूसरी दुनिया के जीवों यानी एलियंस के संपर्क में आने की संभावना ‘गंभीर सोच' बन जाती है। उन्होंने बताया कि नई पावरफुल दूरबीनों और अंतरिक्ष जांचों से मिले सबूत बताते हैं कि हमारे अपने सौर मंडल में ‘पानी विचार से अधिक सामान्य है और जीवन के ऑर्गेनिक बिल्डिंग ब्लॉक्स भी प्रचुर मात्रा में हैं'।
अगर पृथ्वी जैसे अरबों ग्रह हमारे ब्रह्मांड में हैं, तो फिर आजतक साइंटिस्ट एलियन लाइफ का पता क्याें नहीं लगा सके। चक ब्रूक्स इस पर कोई आश्चर्य नहीं जताते। तमाम रिसर्च और शोध के हवाले से वह कहते हैं कि पृथ्वी ‘ऐसी युवा सभ्यता है जिसने हाल के युग में केवल बिजली की खोज की'। वह कहते हैं, हम अभी एक्स्प्लोरेशन की शुरुआत में ही हैं। उन्होंने कहा कि तारों के लिए मनुष्य की वास्तविक खोज अभी शुरू हुई है।
चक ब्रूक्स कहते हैं कि कुछ वैज्ञानिक अब अनुमान लगा रहे हैं कि अगले कुछ दशकों में हमारा संपर्क एलियंस से हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो कल की साइंस फिक्शन थी, वह आज की वास्तविकता है। अगर हम कहीं और जीवन की खोज करते हैं तो यह निश्चित रूप से हमारे विश्वास, धर्मों और संस्कृति को प्रभावित करेगा। एलियंस से संपर्क घबराहट और भ्रम पैदा कर सकता है या यह मनुष्यों को एक प्रजाति के रूप में एकजुट करने का काम कर सकता है।
एक्सट्रीमटेक मैगजीन के अनुसार हमारा सबसे नजदीकी संभावित रहने योग्य ग्रह ताऊ सेटी ई (कोर) है। यह पृथ्वी से 11.9 प्रकाश वर्ष दूर है। अबतक के सबसे तेज स्पेसक्राफ्ट से भी वहां पहुंचने में करीब 51 हजार साल लग जाएंगे।