Elon Musk ने अपने Starship रॉकेट में क्यों भेजा केला? दिलचस्प है वजह, जानें

स्पेसक्राफ्ट पर नजर रख रहे क्रू के लिए केला जोरी ग्रेविटी का एक संकेतक बना।

Elon Musk ने अपने Starship रॉकेट में क्यों भेजा केला? दिलचस्प है वजह, जानें

Photo Credit: Pexels/kimona

एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने स्पेस में केला भेजकर एक नया कारनामा किया।

ख़ास बातें
  • केला जोरी ग्रेविटी का एक संकेतक बना।
  • स्टारशिप माइक्रोग्रेविटी में पहुंचा तो केला हवा में तैरने लगा।
  • SpaceX ने यह बिल्कुल नया एक्सपेरिमेंट किया है।
विज्ञापन
दुनिया के सबसे बड़े अरबपतियों में शुमार एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने हाल ही में एक नया कारनामा किया। कंपनी ने इसके पावरफुल रॉकेट 'स्टारशिप' की छठवीं उड़ान का सफल टेस्ट किया। लेकिन सबसे दिलचस्प इस मिशन में रहा एक 'केला!' जी हां, एलन मस्क ने इस मिशन में रॉकेट के अंदर एक केला भी स्पेस में भेजा था जो कि अब चर्चा का विषय बन गया है। यहां तक कि स्टारशिप पर कंपनी ने बाहर भी एक केले का स्टिकर इस्तेमाल किया है। आखिर क्या है इस केले को भेजने की वजह, आइए आपको बताते हैं। 

Elon Musk की SpaceX ने मंगलवार को अपने स्पेसशिप की छठवीं टेस्ट फ्लाइट में एक केला भी भेजा था। फ्लाइट में इस बनावटी केले को एक सेफ जगह पर रखा गया था। दरअसल कोई भी स्पेसक्राफ्ट जब पृथ्वी की कक्षा से निकलकर अंतरिक्ष में दाखिल होता है तो वहां गुरुत्वाकर्षण, या ग्रेविटी जीरो हो जाती है। स्पेसक्राफ्ट पर नजर रख रहे क्रू के लिए यह आर्टीफिशियल केला एक संकेतक बना। जैसे ही स्टारशिप माइक्रोग्रेविटी में पहुंचा तो यह 'फेक केला' हवा में तैरने लगा। टीम को पता लग गया कि अब वहां पर जीरो ग्रेविटी है। यानी वैज्ञानिकों को भौतिक प्रमाण मिल जाता है कि अब स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में पहुंच चुका है। 

कार्गो होल्ड में इस केले को रखा गया था। कंपनी ने एक कार्गो बॉक्स भी इसके साथ भेजा था। जीरो ग्रेविटी का पता लगाने के लिए यह एक आसान तरीका है जो वैज्ञानिक अपनाते हैं। लेकिन केला पहली बार इस काम के लिए इस्तेमाल किया गया है। स्पेसएक्स का मकसद इसके पीछे कुछ और भी है। दरअसल कंपनी ने अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) की नियामक प्रक्रिया को भी ध्यान में रखते हुए इसका इस्तेमाल किया ताकि भविष्य में कंपनी को किसी तरह की अड़चन का सामना न करना पड़े। स्पेसएक्स ने एक तरह से FAA को दिखाने की कोशिश भी की है कि स्पेस में कार्गो भी भेजा जा सकता है। Space.com के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि पहली बार उसने फिजिकल पेलोड अंतरिक्ष में भेजा है।

SpaceX ने यह बिल्कुल नया एक्सपेरिमेंट किया है जो भविष्य में उसकी उड़ानों को FAA के संदर्भ में आसान बनाने में मददगार साबित होगा। कंपनी को अपने स्पेस प्रोजेक्ट्स में देरी का सामना न करना पड़े इसलिए यह कदम उठाया गया लगता है। आने वाले समय में कंपनी और भी ऐसे प्रयोग कर सकती है। जल्द ही कंपनी कार्गो परीक्षण की शुरुआत करने वाली है जिसके लिए इस केले ने एक भूमिका पहले ही तैयार कर दी है। हालांकि इंटरनेट जगत में स्पेसएक्स के इस एक्सपेरिमेंट पर कई तरह के मीम्स भी देखने को मिल रहे हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Elon Musk, SpaceX, banana in space, banana in starship
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Elista ने लॉन्च किए 6 नए AC, 45 डिग्री सेल्सियस में भी देंगे कूलिंग, जानें फीचर्स
  2. BGMI प्लेयर्स को बड़ा तोहफा, इन 24 रिडीम कोड में दिए जा रहे हैं धांसू रिवॉर्ड्स, ऐसे करें यूज
  3. Vivo Watch 5 हुई लॉन्च, AMOLED डिस्प्ले के साथ 22 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  4. Honor X60 GT फोन 16GB तक रैम, 6300mAh बैटरी, 50MP कैमरा के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत
  5. 50MP कैमरा, 6620mAh बैटरी के साथ Huawei Enjoy 80 लॉन्च, जानें फीचर्स
  6. Vivo X200 Ultra vs Vivo X200s: कौन सा फ्लैगशिप फोन है बेस्ट
  7. Amazfit Active 2 लॉन्च, हेल्थ और स्पोर्ट्स फीचर्स के साथ 19 दिनों तक चलेगी बैटरी
  8. Vivo Pad 5 Pro, Pad SE टैबलेट लॉन्च, 13 इंच डिस्प्ले के साथ 12050mAh बैटरी से लैस, जानें सबकुछ
  9. Infosys ने बर्खास्त किए गए ट्रेनीज को दिया एक महीने के वेतन, टिकट के भुगतान का ऑफर
  10. Mahindra की XEV 7e के लॉन्च की तैयारी, बैटरी के हो सकते हैं 2 ऑप्शन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »