तमाम स्टडीज में हम यह पढ़ते आए हैं कि हिमालय ऊपर उठ रहा है। अब एक नई स्टडी में कहा गया है कि भारतीय
टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट की ओर शिफ्ट हो रही हैं। इसकी वजह से भूमि द्रव्यमान (landmass) में हर साल 2 मिलीमीटर की कमी आ रही है। इस प्लेट की स्पीड हिमालय को भी बढ़ा रही है और यह तिब्बत को दो हिस्सों में बांट सकती है। स्टडी में पता चला है कि धरती के नीचे हो रही हलचल आने वाले वर्षों में एक नई भूसंरचना को जन्म दे सकती है। गौरतलब है कि करीब 6 करोड़ साल पहले भारतीय प्लेट, यूरेशिया से टकराई थी, जिसके कारण दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ हिमालय अस्तित्व में आए।
ये स्टडी अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की सालाना बैठक में पेश की गई। एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार इस स्टडी को ओशन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना के जियोफिजिसिस्ट लिन लियू ने लीड किया।
रिसर्चर्स ने कहा है कि उनकी खोज में यह पता चला है कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पहले की तुलना में ज्यादा जटिल हो सकती है। हिमालय दुनिया की सबसे युवा संरचना है और यूरेशियाई प्लेटों से टकराने के कारण लगातार यह ऊंचा हो रहा है।
स्टडी में यह भी कहा गया है कि इन सबकी वजह से उत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत और तिब्बत में अधिक भूकंप आ सकते हैं। यह स्टडी तिब्बत के नीचे आने वाली भूकंप तरंगों और सतह पर उठने वाली गैसों के विश्लेषण पर बेस्ड है।
गौरतलब कि हाल के वर्षों में भारतीय क्षेत्र और आसपास के देशों में भूकंप आ रहे हैं। नेपाल में कुछ वर्षों पहले आए भूकंप में सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। चीन के इलाकों में भी भूकंप आ रहे हैं। उत्तर भारत में भूकंप की घटनाएं बढ़ रही हैं। तमाम मीडिया रिपोर्टों में एक्सपर्ट के हवाले से कहा जा चुका है कि उत्तर भारत के इलाके में एक बड़ा भूकंप आ सकता है।
बहरहाल, इस स्टडी से जियोफिजिस्टों को इस बात की समझ मिल सकती है कि टेक्टोनिक प्लेटें कैसे इंटरेक्ट करती हैं। भविष्य में भूकंप का पुर्वानुमान लगाने में भी वैज्ञानिकों को मदद मिल सकती है।