मंगल पर दिखे पृथ्‍वी जैसे बादल, वैज्ञानिक हैरान! क्‍या बारिश भी होगी?

Mars News : पृथ्‍वी पर बादलों का निर्माण जल चक्र और पृथ्वी के वायुमंडल की स्थितियों के कारण होता है। इसके मुकाबले मंगल का वातावरण बहुत ठंडा है और सिर्फ 1 फीसदी घना है। फिर भी वहां बादल हैं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 16 नवंबर 2022 19:59 IST
ख़ास बातें
  • इससे जुड़ा रिसर्च पेपर इकारस (Icarus) में पब्लिश हुआ है
  • मंगल और पृथ्‍वी की यह समानता हैरान करती है
  • भविष्‍य की रिसर्च में मददगार हो सकते हैं ये फैक्‍ट

Mars News : मंगल ग्रह के वातावरण की बात होती है, तो आमतौर पर शुष्क रेगिस्तान की कल्‍पना दिमाग में आती है। रिसर्च में जो सामने आया है, वह काफी अप्रत्याशित है।

यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर (Mars Express orbiter) पर लगे दो कैमरों ने साल 2019 में मंगल ग्रह (Mars) के नॉर्थ पोल के पास धूल भरी आंधियों की एक सीरीज को तस्‍वीरों में कैद किया था। इनका विश्‍लेषण करने के बाद संकेत मिल रहे हैं कि मंगल ग्रह पर धूल के बड़े बादल पृथ्वी पर बनने वाले जल वाष्प बादलों के समान बनते हैं। वैज्ञानिक इस खोज से हैरान हैं, क्‍योंकि दोनों ग्रहों का वातावरण अलग-अलग है। ध्‍यान रखने वाले बात है कि पृथ्‍वी पर बनने वाले ज्‍यादातर बादल धूल नहीं हैं। उनमें काफी पानी होता है। पृथ्‍वी पर बादलों का निर्माण जल चक्र और पृथ्वी के वायुमंडल की स्थितियों के कारण होता है। इसके मुकाबले मंगल का वातावरण बहुत ठंडा है और सिर्फ 1 फीसदी घना है। फिर भी वहां बादल हैं। 

इससे जुड़ा रिसर्च पेपर इकारस (Icarus) में पब्लिश हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आज की तारीख में मंगल ग्रह पर मौजूद पानी सिर्फ बर्फ के रूप में है। थोड़ा बहुत पानी बादलों में भी होता है, लेकिन ज्‍यादातर बादल धूल से बनते हैं।   

यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना है कि मंगल ग्रह के वातावरण की बात होती है, तो आमतौर पर शुष्क रेगिस्तान की कल्‍पना दिमाग में आती है। रिसर्च में जो सामने आया है, वह काफी अप्रत्याशित है। 

मंगल ग्रह पर धूल भरी आंधियों ने अंत‍िरिक्ष मिशनों को भी अपनी चपेट में लिया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का इनसाइट लैंडर इसका हालिया शिकार है। यह लैंडर जल्‍द खत्‍म होने वाला है, जिसकी तस्‍दीक नासा ने भी की है। लैंडर पर धूल जमने की वजह से इसके सौर पैनल चार्ज नहीं हो पा रहे। इंजीनियरों के पास इसका कोई तोड़ नहीं है। इससे पहले साल 2018 में भी धूल भरी आंधी ने अपॉर्चुनिटी रोवर मिशन (Opportunity rover mission) को खत्‍म कर दिया था। 

वैज्ञानिकों ने जब मंगल ग्रह की धूल भरी आंधियों को ऊपर से ऑब्‍जर्व किया, तो पता चला कि वह तूफान प्रणाली पृथ्वी के बादलों की तरह दिखती है। सिर्फ नारंगी रंग उसे अलग बनाता है। यह रिसर्च भविष्‍य में यह समझने में मददगार हो सकती है कि करोड़ों साल पहले मंगल ग्रह का वातावरण कैसा रहा होगा। क्‍या वहां जीवन था? 
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