• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 46.6 करोड़ साल पहले पृथ्‍वी पर भी थे शनि ग्रह जैसे छल्‍ले, वैज्ञानिकों को मिला सबूत!

46.6 करोड़ साल पहले पृथ्‍वी पर भी थे शनि ग्रह जैसे छल्‍ले, वैज्ञानिकों को मिला सबूत!

Earth had rings like Saturn : वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्‍वी के चारों ओर रिंग करीब 46.6 करोड़ साल पहले बनी। वह कुछ करोड़ साल तक वजूद में रही।

46.6 करोड़ साल पहले पृथ्‍वी पर भी थे शनि ग्रह जैसे छल्‍ले, वैज्ञानिकों को मिला सबूत!

वैज्ञानिकों को लगता है कि मंगल ग्रह के चंद्रमा जैसे- फोबोस और डेमोस उसकी रिंग का हिस्‍सा हो सकते हैं।

ख़ास बातें
  • शनि ग्रह जैसे छल्‍ले पृथ्‍वी पर भी थे
  • वैज्ञानिकों को मिला सबूत
  • 46 करोड़ साल पहले मौजूद थे छल्‍ले
विज्ञापन
हमारे सौरमंडल में जितने भी ग्रह मौजूद हैं, उनमें शनि (Saturn) सबसे अलग नजर आता है। शनि ग्रह को खास बनाती हैं इसके चारों ओर मौजूद रिंग्‍स (Saturn rings) यानी छल्‍ले। वैज्ञानिकों को लगता है कि पृथ्‍वी पर भी कभी ऐसा ही कुछ रहा होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लेटर्स में एक पेपर पब्लिश हुआ है। उसमें वैज्ञानिकों ने सबूत पेश किए हैं कि पृथ्‍वी पर भी एक रिंग मौजूद थी। हालांकि इस बात को करोड़ों साल बीत गए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्‍वी के चारों ओर रिंग करीब 46.6 करोड़ साल पहले बनी। वह कुछ करोड़ साल तक वजूद में रही। 

खबर पर आगे बढ़ें, उससे पहले समझना चाहिए कि रिंग कैसे बनती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जब कोई छोटी बॉडी जैसे एस्‍टरॉयड किसी बड़ी बॉडी यानी ग्रह के पास से गुजरता है, तो वह गुरुत्‍वाकर्षण के कारण ग्रह के खिंचाव में आ जाता है। काफी करीब आने के बाद वह छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। इसी तरह से एस्‍टरॉयड्स के टुकड़े ग्रह के चारों तरफ मलबे के छल्‍ले में बदल जाते हैं। 

वक्‍त के साथ यह मलबा ग्रह पर गिरता है उसकी वजह से क्रेटरों का निर्माण होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि लगभग 46.6 करोड़ साल पहले बहुत सारे एस्‍टरॉयड हमारे ग्रह से टकराए। उसकी वजह से पृथ्‍वी पर कई क्रेटरों का निर्माण हुआ। 

खास यह है कि सिर्फ शनि ग्रह के पास ही रिंग्‍स नहीं हैं। बृहस्‍पति, नेप्‍च्‍युन और यूरेनस के पास भी रिंग्‍स मानी जाती हैं, जो बहुत ज्‍यादा साफ नहीं हैं। वैज्ञानिकों को यह भी लगता है कि मंगल ग्रह के छोटे चंद्रमा जैसे- फोबोस और डेमोस उसकी किसी पुरानी रिंग का हिस्‍सा हो सकते हैं। 

वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्‍वी पर मौजूद रिंग उसके इक्‍वेटर के चारों ओर रही होगी। ऐसा इसलिए क्‍योंकि पृथ्‍वी पर ऐसे 21 गड्ढों का पता चला है, जिनका निर्माण एस्‍टरॉयड की टक्‍कर के कारण हुआ। ये सभी उन महाद्वीपों पर हैं, जो 46.6 करोड़ साल पहले इक्‍वेटर के करीब थे। 

हालांकि वैज्ञानिकों को इस स्‍टडी पर अभी काफी काम करना है। यह भी पता लगाना है कि 46.6 करोड़ साल पहले पृथ्‍वी पर बहुत ज्‍यादा ठंड हो गई थी। यह पृथ्‍वी पर मौजूद रिंग उस ठंड के लिए जिम्‍मेदार थी। वैज्ञानिक अब ऐसे मैथमैटिकल मॉडल तैयार करना चाहते हैं, जो एस्‍टरॉयड के टूटने और फैलने के बारे में बताए। इससे पता चलेगा कि किसी रिंग के कारण ग्रह पर कितनी ठंडक हो सकती है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Earth, Earth Rings, Saturn, Saturn Rings, Science News In Hindi
प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. JioTag Go vs JioTag Air: Rs 1,499 में कौन सा डिवाइस ट्रैकर है बेस्ट?
  2. मारूति सुजुकी जनवरी में पेश करेगी अपना पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल eVitara
  3. Lava Blaze Duo 5G फोन Rs 2 हजार सस्ते में खरीदने का मौका, 64MP कैमरा, 8GB रैम जैसे हैं फीचर्स
  4. OnePlus Watch 3 के लॉन्च से पहले रेंडर्स लीक, डिजाइन, बैटरी समेत कई फीचर्स का खुलासा
  5. सिंगल चार्ज में 11 घंटे चलने वाला Xiaomi Burgundy Red Mini ब्लूटूथ स्पीकर लॉन्च, जानें कीमत
  6. देश की EV इंडस्ट्री 2030 तक बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये की होगीः गडकरी 
  7. Pushpa 2 Collection Day 16: अल्लू अर्जुन की Pushpa-2 भारत में Rs 1000 करोड़ के पार!
  8. मिस्र के प्राचीन मकबरे में मिलीं 'सोने की जीभ' के साथ 13 ममी!
  9. बार-बार भूलते हैं चीजें? JioTag Go ढूंढकर देगा, जानें कीमत, और कैसे करता है काम
  10. Airtel लाई Rs 699 में धांसू Wi-Fi प्लान, सुपरफास्ट इंटरनेट, ZEE5, Hotstar, Netflix जैसे 23 OTT का एक्सेस!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »