आसमान में होने वाली घटनाओं का पता लगाने वाली दुनिया की कई प्रमुख खगोलीय
ऑब्जर्वेट्रीज (observatories) को साइबर हमले का सामना करना पड़ा है। साइबर हमले की वजह से तमाम ऑब्जर्वेट्रीज को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। हमला क्यों हुआ? किसने किया? और कहां से किया गया? इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। जैसे-जैसे स्पेस इंडस्ट्री रफ्तार पकड़ रही है, साइबर हमलावर उसे अपना निशाना बना रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में भी हैकर्स ने चिली में अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलिमीटर ऐरे (एएलएमए) के संचालन को प्रभावित किया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी कई साल से ऐसे हमलों से जूझ रही है।
हालिया साइबर हमले को लेकर नेशनल ऑप्टिकल-इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी रिसर्च लेबोरेटरी यानी NOIRLab ने
डिटेल शेयर की है। बताया है कि इस महीने की शुरुआत में 1 अगस्त को साइबर हमला रिपोर्ट किया गया। उसकी वजह से हवाई में स्थित जेमिनी नॉर्थ टेलीस्कोप और चिली में लगाए गए जेमिनी साउथ टेलीस्कोप के संचालन को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। चिली में लगाई गई कई छोटी दूरबीनें भी इस हमले से प्रभावित हुईं।
NOIRLab की वेबसाइट पर बताया गया है कि उसके कर्मचारी हमले की शिकार दूरबीनों और इससे जुड़ी वेबसाइट को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के साथ मिलकर यह काम किया जा रहा है।
अभी तक हमले की वजह का पता नहीं चल पाया है। यह भी मालूम नहीं है कि साइबर हमले किसने और कहां से किए। कुछ समय पहले ही यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल काउंटरइंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी सेंटर ने एक बुलेटिन में अमेरिकी स्पेस कंपनियों को आगाह किया था। कहा था कि उन साइबर हमले हो सकते हैं या जासूसी की जा सकती है। बुलेटिन में बताया गया था कि अमेरिकी टेक्नॉलजी और फ्यूचर मिशन को जानने के लिए साइबर हमलावर स्पेस कंपनियों और उनके प्रोजेक्ट्स को निशाना बना सकते हैं।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।