भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 को लॉन्च व्हीकल LVM3 के साथ इंटीग्रेट कर दिया है। पिछले महीने ISRO के चेयरमैन S Somnath ने बताया था कि देश के तीसरे लूनर मिशन को 13 जुलाई से 19 जुलाई के बीच लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है।
Somnath ने को ट्वीट कर बताया, "ISRO ने श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर में चंद्रयान-3 को LVM3 के साथ इंटीग्रेट कर दिया है। हम चंद्रमा पर लैंडिंग करने में सक्षम होंगे। लॉन्च 13 जुलाई को होगा और यह 19 जुलाई तक खिंच सकता है।" पिछले महीने उन्होंने कहा था, "चंद्रयान-3 लगभग तैयार है। फाइनल इंटीग्रेशन और टेस्टिंग लगभग पूरी हो गई है। कुछ टेस्ट होने बाकी हैं। फरवरी में एक स्लॉट और जून में एक अन्य स्लॉट उपलब्ध था। हम लॉन्च के लिए जून का स्लॉट लेना चाहेंगे।" चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और मूवमेंट की क्षमता के प्रदर्शन के लिए चंद्रयान 3 को भेजा जा रहा है।
चंद्रमा पर देश के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 को लगभग चार वर्ष पहले लॉन्च किया गया था। हालांकि, विक्रम लूनर लैंडर के चंद्रमा पर क्रैश होने के कारण यह मिशन नाकाम हो गया था।
ISRO ने Gaganyaan प्रोजेक्ट में जल्दबाजी नहीं करने का फैसला किया है। यह अंतरिक्ष में यात्रियों के साथ एक मिशन है। ISRO ने इस मिशन को इस तरीके से डिजाइन किया है कि जिससे यह पहली कोशिश में ही सफलता हासिल कर सकेगा। इसके लिए टेस्टिंग और डिमॉन्स्ट्रेशन को बढ़ाया गया है।
पिछले महीने इस बारे में Somanath ने संवाददाताओं को बताया था कि गगनयान को दो वर्ष पहले लॉन्च किया जाना था लेकिन कोरोना की वजह से इसमें देरी हुई है। उन्होंने कहा, "हमारी सोच अब अलग है। हमारा मानना है कि हम जल्दबाजी नहीं करना चाहते। हमने फैसला कर लिया है। इस ह्युमन स्पेस फ्लाइट का मुख्य उद्देश्य एक पूरी तरह निश्चित सुरक्षित मिशन है।" उन्होंने बताया कि इस मिशन से जुड़ी टेस्टिंग को बढ़ाया गया है। इसमें क्रू की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त ट्रायल मिशन शामिल हैं। इस तरह के दो मिशन इस वर्ष होंगे और इसके बाद अगले वर्ष की शुरुआत में मानवरहित
मिशन हो सकता है। उन्होंने कहा था, "आठ बड़े टेस्ट होने हैं और अगर सभी टेस्ट बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक होते हैं तो यह मिशन 2024 और 2025 के बीच लॉन्च हो सकता है।"