भारत के चंद्रयान -2 स्पेसक्राफ्ट ने चंद्रमा के चारों ओर 9,000 से अधिक परिक्रमा पूरी कर ली हैं, और बोर्ड पर इमेजिंग के जरिए व वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा उम्दा डेटा मिल रहा है। सोमवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दो दिवसीय चंद्र विज्ञान कार्यशाला (Lunar Science Workshop) 2021 आयोजित कर रहा है। यह वर्कशॉप चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान के चंद्र कक्षा के चारों ओर के ऑपरेशन के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को शुरू हुई।
इसके उद्घाटन के दौरान अपने भाषण में इसरो के अध्यक्ष K Sivan ने कहा कि चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान में आठ पेलोड चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा की रिमोट सेंसिंग और इन-सीटू ऑब्ज़र्वेशन कर रहे हैं। इसरो के Apex साइंस बोर्ड के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा कि चंद्रयान -2 सैटेलाइट में इमेजिंग और वैज्ञानिक उपकरण उम्दा डेटा दे रहे हैं।
पूर्व इसरो अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा, "चंद्रयान -2 के उपकरणों में वास्तव में कई नई फीचर्स डाली गई हैं। इन फीचर्स की वजह से चंद्रयान-1 की ऑब्जर्वेशन से भी कहीं अधिक ऊंचे लेवल का डेटा मिल पा रहा है।" चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर वनिता एम ने कहा कि ऑर्बिटर के सभी सब-सिस्टम अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। "हमें उम्मीद है कि हम अंतरिक्ष यान से कई और वर्षों तक अच्छा डेटा प्राप्त कर सकते हैं," उसने कहा।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर वनिता ने कहा कि ऑर्बिटर TMC-2 (Terrain Mapping Camera-2), IIRS (Imaging IR Spectrometer), और OHRC (ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा) ने हमें अद्भुत पिक्चर्स भेजी हैं। इसरो द्वारा चलाई जा रही दो दिवसीय वर्कशॉप को छात्रों, शिक्षा समुदाय और संस्थानों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए और वैज्ञानिक समुदाय को चंद्रयान -2 डेटा का विश्लेषण करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट और Facebook पेज पर
लाइव-स्ट्रीम किया जा रहा है।
इसके अलावा चंद्रयान -2 मिशन, ट्रैकिंग, ऑपरेशन और डेटा आर्काइव से जुड़े पहलुओं पर लेक्चर भी होंगे।
ISRO/DoS के वैज्ञानिकों के साथ-साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (कोलकाता), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (बेंगलुरू), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रूड़की के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्र विज्ञान पर लेक्चर भी दिए जाएंगे।