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छोटी आकाशगंगाओं से टकराकर अपना रूप बदल रही यह गैलेक्‍सी, जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने तस्‍वीरों में किया कैद

इसके अलावा, टेलीस्‍कोप ने आज तक की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा को देखा है। करीब 35 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित यह आकाशगंगा फ‍िलहाल एक लाल धब्‍बे जैसी नजर आती है।

छोटी आकाशगंगाओं से टकराकर अपना रूप बदल रही यह गैलेक्‍सी, जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने तस्‍वीरों में किया कैद

पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित जेम्स वेब टेलीस्कोप 12 जुलाई से अबतक कई तस्‍वीरों से दुनिया को हैरान कर चुका है।

ख़ास बातें
  • कार्टव्‍हील गैलेक्‍सी कभी मिल्‍की-वे की तरह सर्पिल हुआ करती थी
  • छोटी आकाशगंगाओं के साथ टकराने से इसमें बदलाव हुए हैं
  • यह बदलाव आगे भी जारी रहेंगे
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अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन ‘जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप' (James Webb Telescope) एक के बाद एक नई खोजें दुनिया के सामने ला रही है। टेलीस्‍कोप ने 500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक आकाशगंगा में हो रही हलचलों पर जानकारी जुटाई है। अंतरिक्ष में घूम रही इस ऑब्‍जर्वेट्री ने कार्टव्हील गैलेक्सी (Cartwheel Galaxy) में तारे के निर्माण और केमिकल कंपाउंड्स के बारे में नई जानकारी हासिल की है। इसके अलावा, टेलीस्‍कोप ने आज तक की सबसे दूर स्थित आकाशगंगा को देखा है। करीब 35 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित यह आकाशगंगा फ‍िलहाल एक लाल धब्‍बे जैसी नजर आती है। हालांकि इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।  

टेलीस्‍कोप ने सुदूर अंतरिक्ष की तस्‍वीरें कैप्‍चर की हैं। इनसे पता चलता है कि कैसे अरबों वर्षों में यह आकाशगंगा बदलाव से गुजरी है। तस्‍वीरों से पता चलता है कि कार्टव्हील गैलेक्सी में बदलाव हो रहे हैं। खगोलिवदों का कहना है कि कभी यह गैलेक्‍सी मिल्‍की-वे की तरह सर्पिल हुआ करती थी, लेकिन छोटी आकाशगंगाओं के साथ टकराने से इसमें बदलाव हुए हैं। यह बदलाव आगे भी जारी रहेंगे।  

पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित जेम्स वेब टेलीस्कोप 12 जुलाई से अबतक कई तस्‍वीरों से दुनिया को हैरान कर चुका है। अपने नियर-इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) का इस्‍तेमाल करके इसने सुदूर अंतरिक्ष की कई बेहतरीन तस्‍वीरें खींची हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने कहा है कि यह आकाशगंगा कई अलग-अलग ब्‍लू बिंदुओं को दिखाती है, जो या तो तारे हैं या तारों के निर्माण से जुड़े पॉकेट्स हैं। इसके अलावा, वेब टेलीस्‍कोप के मिड-इन्फ्रारेड इंस्ट्रूमेंट (MIRI) ने खुलासा किया है कि इस आकाशगंगा में हाइड्रोकार्बन और अन्य केमिकल कंपाउंड्स के अलावा सिलिकेट धूल की भी मौजूदगी है। 

गौरतलब है कि पिछले महीने 12 जुलाई को इस टेलीस्‍कोप से ली गई पहली तस्‍वीर दुनिया के सामने आई थी। इसमें सुदूर ब्रह्मांड को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था। SMACS 0723 नाम का यह गैलेक्‍सी क्‍लस्‍टर जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप के पहले डीप फील्‍ड के रूप में जाना गया था। नासा ने पिछले साल दिसंबर में इस टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च किया था। जेम्‍स वेब के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। अबतक यह टेलीस्‍कोप खुद को अंतरिक्ष में सेट कर रहा था। यह काम अब पूरा हो गया है। 
 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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