हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की-वे (Milky Way) कई रहस्यों को समेटे हुए है। यह हर बार वैज्ञानिकों को कुछ नया जानने का अवसर देती है। गुरुवार को खगोलविदों ने कहा कि उन्होंने हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल के चारों ओर तेज गति से घूमते हुए गैस के गर्म बुलबुले को देखा है। क्लॉकवाइज घूमने वाला यह बबल कुछ घंटों तक ही रहा और खत्म हो गया। लेकिन इस बुलबुले का पता लगने से वैज्ञानिकों को भविष्य में होने वालीं रिसर्च में मदद मिलने की उम्मीद है।
मिल्की-वे के केंद्र में मौजूद
ब्लैक होल का नाम सैजिटेरीअस A* (Sagittarius A*) है। यह पृथ्वी से लगभग 27 हजार प्रकाश वर्ष दूर
आकाशगंगा के बीच में मौजूद है। इसके जोरदार खिंचाव से हमारी आकाशगंगा को एक विशिष्ट घुमाव मिलता है।
सैजिटेरीअस A* की पहली इमेज इस साल मई में इवेंट होराइजन टेलीस्कोप की मदद से सामने आई थी। इसका मकसद उस रोशनी का पता लगाना है, जो ब्लैक होल में जाते ही गायब हो जाती है। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी के एक खगोल भौतिकीविद् मैसीक विलगस ने कहा कि चिली के एंडीज पहाड़ों में ALMA रेडियो टेलीस्कोप ने सैजिटेरीअस A* के डेटा में हैरान करने वाला डेटा नोटिस किया।
ALMA के डेटा को कलेक्ट किया जाता, उससे पहले चंद्र स्पेस टेलीस्कोप ने भी एक ‘विशाल स्पाइक' को नोटिस किया। एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, ऊर्जा के इस विस्फोट ने ब्लैक होल के चारों ओर गैस का एक घूमता हुआ गर्म बुलबुला बनाया।
स्टडी के प्रमुख लेखक विलगस ने कहा कि गैस के बुलबुले की कक्षा उस तरह से थी, जैसे सूर्य के चारों ओर बुध की कक्षा है। हालांकि बुध को अपना सफर पूरा करने में 88 दिन लगते हैं, जबकि गैस का बुलबुला इतनी तेज स्पीड में था कि उसने यह 70 मिनट में कर दिया। साइंटिस्ट लगभग डेढ़ घंटे तक डेटा के जरिए बुलबुले को ट्रैक करने में सक्षम थे। वह कुछ घंटों में नष्ट हो गया। माना जाता है कि ऐसी घटना तब होती है जब ब्लैक होल में इतना मजबूत चुंबकीय क्षेत्र होता है, जो किसी मटीरियल को अंदर खींचने से रोकता है।
यह चुंबकीय क्षेत्र कैसे काम करता है, यह सीखकर वैज्ञानिक ब्लैक होल को कंट्रोल करने वाली ताकतों का एक मॉडल बनाना चाहते हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि गैस का वह बुलबुला आने वाली रिसर्चों के लिए काफी अहम साबित हो सकता है।