अंतरिक्ष में घूमते एस्टरॉयड लगातार पृथ्वी की ओर आ रहे हैं और इसके करीब से गुजर रहे हैं। ये एस्टरॉयड ग्रहों के निर्माण के दौरान शेष रह गए टुकड़ों के रूप में भी जाने जाते हैं जो लगातार अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमते रहते हैं। कई बार इन्हें रात को टूटते हुए तारों के रूप में देखा जाता है। लेकिन वह असल में एस्टरॉयड के बहुत छोटे टुकड़े होते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर आग के गोले के रूप में दिखाई देते हैं। लेकिन कई बार ये एस्टरॉयड बहुत बड़े आकार के हो सकते हैं जो धरती पर गिरें तो तबाही ला सकते हैं। नासा ने ऐसे ही 2 बड़े एस्टरॉयड के कल धरती के पास आने का अलर्ट जारी किया है।
स्पेस में
एस्टरॉयड पर नजर रखने के लिए नासा अपनी
जेट प्रॉपल्शन लेबोरटरी से लगातार इन्हें
ट्रैक करती रहती है। अब नासा की ओर से कल यानि
7 मई को 2 बड़े एस्टरॉयड का धरती के करीब आने का अलर्ट जारी किया गया है। इनमें से एक 2023 HT6 नाम का एस्टरॉयड कल पृथ्वी के करीब से होकर गुजरने वाला है। यह आकार में एक एयरप्लेन के साइज का बताया गया है। इसे एस्टरॉयड निओ (Asteroid Neo) भी कहा जाता है। यह 67 फीट बड़ा उल्का पिंड है। जब यह धरती के सबसे करीब होगा तो इसकी दूरी 1,230,000 किलोमीटर रह जाएगी।
कल एक और बड़ी आफत धरती की ओर बढ़ रही होगी। यह 2023 HP1 नाम का एस्टरॉयड है जो साइज में 290 फीट का है। इसकी स्पीड 41868 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। यह किसी बड़ी बिल्डिंग के जितने साइज का है जो खतरनाक हो सकता है। क्योंकि 150 फीट से बड़े एस्टरॉयड का धरती के करीब आना खतरनाक माना जाता है। ऐसे एस्टरॉयड पृथ्वी के बड़े हिस्से पर तबाही ला सकते हैं। इसलिए नासा इस तरह के एस्टरॉयड के लिए खास अलर्ट जारी करती रहती है। जब यह धरती के सबसे करीब होगा तो इसकी दूरी 6,130,000 किलोमीटर रह जाएगी।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा लगातार एस्टरॉयड ट्रैक करती रहती है। इन दिनों पृथ्वी की ओर लगातार कई एस्टरॉयड आने की घटनाएं हो चुकी हैं और यह सिलसिला अभी भी जारी है। ऐसे में ये दोनों ही एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरनाक हो सकते हैं। हालांकि किसी
उल्का पिंड के सीधे धरती से टकराने जैसी कोई सूचना नासा की ओर से जारी नहीं की गई है। लेकिन इनकी दिशा बहुत तेजी से बदल सकती है और गुरुत्वाकर्षण के कारण यह धरती की सतह से टकराने की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं।