चंद्रमा पर सबसे पहले इंसान को पहुंचाने वाला अमेरिका और उसकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) एक बार फिर से मून मिशन लॉन्च करने में जुटी है। लेकिन आर्टिमिस मिशन का पहला पड़ाव यानी आर्टिमिस 1 मिशन (Artemis 1) अबतक दो बार रद्द हो चुका है। पहली कोशिश के दौरान स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के RS-25 इंजन में खराबी के कारण मिशन को स्थगित किया गया, जबकि दूसरी बार में रॉकेट और लिक्विड हाइड्रोजन ईंधन फीड लाइन के बीच ‘क्विक डिस्कनेक्ट' इंटरफेस में हाइड्रोजन रिसाव के कारण मिशन को टालना पड़ा। अब बताया जा रहा है कि स्पेस एजेंसी उस फॉल्टी सील को बदल देगी जिसके कारण रिसाव हुआ था। इस बीच रॉकेट अभी भी लॉन्चपैड पर है। मिशन लॉन्च करने की अगली कोशिश कब होगी, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एक्सप्लोरेशन सिस्टम डेवलपमेंट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर जेम्स फ्री ने कहा कि वीकल को वीकल असेंबली बिल्डिंग (VAB) में वापस लाना होगा क्योंकि बोर्ड पर फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम (एफटीएस) बैटरियों को टेस्ट करने और रिचार्ज करने की जरूरत होगी। हालांकि इस पर फाइनल डिसिजन स्पेस एजेंसी में रेंज फ्लाइट सेफ्टी टीम के साथ होगा।
ऐसे में जब नासा को उसके रॉकेट को वापस वीकल असेंबली बिल्डिंग में लाने की जरूरत है, स्पेस एजेंसी ने यह नहीं बताया है कि ऐसा कब तक होगा। इससे पहले नासा ने कहा था कि मिशन की टेक्निकल टीम उस फॉल्टी सील को बदल देगी, जिसके कारण लिक्विड हाइड्रोजन लीक हुई।
ऐसा करने के लिए नासा की टेक्निशियल इलाके में चारों ओर एक घेरा बनाएंगे ताकि रॉकेट का हार्डवेयर मौसम और बाकी पर्यावरणीय परिस्थितियों से सुरक्षित रहे। सील को बदलने के बाद रॉकेट को VAB में भेजा जा सकता है। फॉल्टी सील बदलने के अलावा नासा की टीमें यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोई अन्य लीक तो नहीं है।
गौरतलब है कि आर्टेमिस मिशन को 29 अगस्त को नासा के सबसे पावरफुल रॉकेट ‘स्पेस लॉन्च सिस्टम' (SLS) की मदद से लॉन्च किया जाना था। मिशन को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39बी से लॉन्च किया जाना सेट हुआ था। भारतीय समय के हिसाब से शाम 6:03 बजे के आसपास रॉकेट को लॉन्च किया जाना था। नासा ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं। लाइव स्ट्रीम का भी आयोजन किया गया था, लेकिन अबतक यह मिशन लॉन्च नहीं हो पाया है।