• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Aditya L1 Mission : ‘आदित्‍य’ ने पृथ्‍वी की कक्षा को कहा ‘बाय बाय’, चला सूर्य से नजरें मिलाने!

Aditya L1 Mission : ‘आदित्‍य’ ने पृथ्‍वी की कक्षा को कहा ‘बाय-बाय’, चला सूर्य से नजरें मिलाने!

Aditya L1 Mission : अब यह ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट-1 की ओर बढ़ रहा है, जो पृथ्‍वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।

Aditya L1 Mission : ‘आदित्‍य’ ने पृथ्‍वी की कक्षा को कहा ‘बाय-बाय’, चला सूर्य से नजरें मिलाने!

Photo Credit: ISRO

इसरो ने एक पोस्‍ट में बताया है कि आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को अपनी मंजिल में पहुंचने में करीब 110 दिन लगेंगे।

ख़ास बातें
  • आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट नई कक्षा की ओर रवाना
  • 110 दिनों बाद मंजिल पर पहुंचने की उम्‍मीद
  • इसरो ने पांचवीं बार किया कक्षा में बदलाव
विज्ञापन
भारत के पहले सौर मिशन आदित्‍य एल-1 (Aditya L1) की पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन (orbit change) से जुड़ी चौथी और आखिरी प्रक्रिया मंगलवार की सुबह सफलता के साथ पूरी कर ली गई। इसके साथ ही 2 सितंबर से पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा ‘आदित्य-एल1' स्‍पेसक्राफ्ट एक नई कक्षा में दाखिल हो गया है। अब यह ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट-1 की ओर बढ़ रहा है, जो पृथ्‍वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने यह जानकारी शेयर की है। 

इसरो ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्‍ट में बताया है कि आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को अपनी मंजिल में पहुंचने में करीब 110 दिन लगेंगे। लैग्रेंजियन पॉइंट हमारे सौर मंडल में सूर्य और पृथ्‍वी के बीच ऐसी जगह है, जहां गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है। इससे वहां कोई भी सैटेलाइट को रोका जा सकता है। 

एक्‍स पर पोस्‍ट में इसरो ने लिखा, “सूर्य-पृथ्वी एल1 पॉइंट की तरफ रवाना! स्‍पेसक्राफ्ट अब एक प्रक्षेप पथ पर है, जो उसे सूर्य-पृथ्वी एल1 पॉइंट पर ले जाएगा। इसे लगभग 110 दिनों के बाद एक प्रक्रिया जरिए एल1 के आसपास की ऑ‍र्बिट में स्थापित किया जाएगा।”
 

इसरो ने यह भी बताया है कि यह लगातार पांचवीं बार है, जब भारतीय स्‍पेस एजेंसी ने किसी चीज को स्‍पेस में किसी ओर सफलता के साथ ट्रांसफर किया है। आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट भारत की पहली स्‍पेस बेस्‍ड ऑब्‍जर्वेट्री को साथ ले जा रहा है, जो लैग्रेंजियन पॉइंट (एल-1) में रहकर सूर्य के बाहरी वातावरण को स्‍टडी करेगी। 

इस महीने की 2 तारीख को आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्‍च किया गया था। इसमें लगे सभी इंस्‍ट्रूमेंट्स स्‍वेदशी हैं और सूर्य को स्‍टडी करेंगे। इनकी वजह से भारत को सूर्य में हो रही गतिविधियों का रियल टाइम पता चल पाएगा। इसरो को उम्‍मीद है कि आदित्‍य ऑब्‍जर्वेट्री से उसे सूर्य से संबंधित महत्‍वपूर्ण डेटा हासिल होगा और सौर गतिविधियों को लेकर नई जानकारी मिलेगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. OnePlus Pad 3 की जल्द शुरू होगी भारत में सेल, 12,140mAh की पावरफुल बैटरी
  2. AI से कहीं रोजगार का खतरा तो कुछ सेक्टर में जॉब्स की बहार
  3. Amazon से बाहर हुए सैंकड़ों वर्कर्स, क्लाउड डिविजन पर बड़ा असर
  4. सांसदों ने WhatsApp को कह दिया 'देश के लिए खतरा', जल्द लग सकता है बैन!
  5. Apple ने इस पॉपुलर YouTuber पर ठोका केस, लीक के लिए जासूसी के लगाए आरोप!
  6. Lava का Blaze Dragon जल्द होगा भारत में लॉन्च, AI सपोर्ट के साथ 50 MP का प्राइमरी कैमरा
  7. iQOO Z10R में मिलेगा 50 मेगापिक्सल Sony IMX882 प्राइमरी कैमरा, भारत में अगले सप्ताह लॉन्च
  8. Lyne Originals ने लॉन्च किए Coolpods 11 TWS और स्मार्ट सेल्फी स्टिक्स 
  9. 65, 75 इंच वाले Mini LED TV भारतीय मार्केट में लॉन्च, जानें कीमत
  10. Tecno ने 3 बार फोल्ड होने वाला मोबाइल कॉन्सेप्ट किया पेश, जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »