टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ‘न्यूरालिंक' (Neuralink) के खिलाफ बड़ी संख्या में डॉक्टर्स लामबंद हो रहे हैं। अमेरिका में 17 हजार से ज्यादा डॉक्टरों के एक एडवोकेसी ग्रुप ने न्यूरालिंक को ब्रेन इम्प्लांट के लिए अप्रूवल देने से अयोग्य घोषित करने के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) में याचिका दायर की है। हाल ही में एलन मस्क ने ऐलान किया था कि उनका ब्रेन चिप इंटरफेस स्टार्टअप ‘न्यूरालिंक' अगले 6 महीनों में ह्यूमन ट्रायल्स के लिए तैयार हो जाएगा। इसके तहत इंसानों के दिमाग में एक चिप लगाकर परीक्षण किया जाना है। कंपनी काफी वक्त से जानवरों पर यह ट्रायल करती आई है। बीते दिनों उसने इंसानी ट्रायल के लिए अमेरिकी सरकार से मंजूरी मांगी थी।
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रिपोर्टों के अनुसार, फिजिशियन कमिटी फॉर रेस्पॉन्सिबल मेडिसिन (PCRM) का दावा है कि न्यूरालिंक ने 'गुड लैबोरेटरी प्रैक्टिस' (GLP) नियमों का उल्लंघन किया है। जानवरों पर ट्रायल के दौरान प्रोटोकॉल्स का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।
‘न्यूरालिंक' एक ऐसी डिवाइस डिवेलप कर रही है, जो लोगों के कंप्यूटर, मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस को सीधे मस्तिष्क की गतिविधि से कंट्रोल कर सकेगी, यानी आप सिर्फ सोचकर अपना स्मार्टफोन चला सकेंगे। इस डिवाइस का सबसे ज्यादा फायदा दिव्यांगों और पैरालाइसिस की चपेट में आए लोगों को होगा।
मस्क की न्यूरोलिंक का कहना है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है, हालांकि इसमें कितनी सफलता मिलेगी, इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता। इससे पहले फरवरी में न्यूरालिंक ने खुलासा किया था कि प्रयोग के दौरान कई बंदरों की मौत भी हो गई थी। कंपनी पर पशु-क्रूरता के आरोप लगे थे। हालांकि मस्क ने आरोपों को खारिज कर दिया।
अब बड़ी संख्या में डॉक्टर्स के लामबंद होने से विशेषज्ञों की निगाहें FDA की ओर हैं। अगर FDA की तरफ से एलन मस्क को अप्रवूल नहीं मिलता है, तो एलन मस्क का यह बड़ा प्रोजेक्ट होल्ड पर चला जाएगा। हो सकता है कि स्टार्टअप को इस पूरे प्रोजेक्ट को ही नए सिरे से शुरू करना पड़े।
ह्यूमन ट्रायल की इजाजत दी भी जाती है, तब भी मस्क की कंपनी के लिए सबकुछ आसान नहीं होगा। ट्रायल के दौरान किसी को जान गंवानी पड़ी, तो मस्क और उनकी कंपनी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। एलन मस्क चाहते थे कि साल 2020 तक उन्हें इंसानों पर ट्रायल करने के लिए जरूरी मंजूरी मिल जाए, हालांकि यह प्रोजेक्ट 2 साल की देरी से चल रहा है।