चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के 5,551 करोड़ रुपये के डिपॉजिट्स को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत जब्त करने के ऑर्डर को सक्षम अथॉरिटी ने स्वीकृति दे दी है। एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने बताया कि यह देश में जब्त की गई अब तक की सबसे बड़ी रकम है।
ED ने FEMA के तहत लगभग चार महीने पहले रकम को जब्त करने का ऑर्डर जारी किया था और इसके बाद इसे स्वीकृति के लिए सक्षम अथॉरिटी के पास भेजा था।
Xiaomi की देश में यूनिट के खिलाफ यह ऑर्डर FEMA के सेक्शन 37A के तहत जारी किया गया था। इस बारे में ED ने बताया, "अथॉरिटी ने 5,551.27 करोड़ रुपये को जब्त करने की पुष्टि करते हुए कहा है कि ED की जांच यह यह सही पाया गया है कि कंपनी ने यह रकम देश से बाहर अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर की थी और इसे ग्रुप की एटिटी की ओर से FEMA के सेक्शन 4 का उल्लंघन करते हुए विदेश में रखा था।"
सक्षम अथॉरिटी का यह भी मानना है कि इस रकम को रॉयल्टी का भुगतान बताकर ट्रांसफर किया गया था जो गलत है और देश से बाहर फॉरेन एक्सचेंज को ट्रांसफर करने का एक जरिया है। यह FEMA के प्रावधानों का पूरी तरह उल्लंघन है। Xiaomi देश में मोबाइल फोन्स की MI ब्रांड के तहत एक ट्रेडर और डिस्ट्रीब्यूटर है और इसकी देश में यूनिट चीन में मौजूद Xiaomi Group की सब्सिडियरी है।
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने संसद में बताय था कि Xiaomi को लगभग 653 करोड़ रुपये की देनदारी के लिए तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। इसमें से कंपनी ने केवल 46 लाख रुपये जमा किए हैं। हाल ही में ED ने सिंगापुर के क्रिप्टो एक्सचेंज Vauld के लगभग 4.65 करोड़ डॉलर के एसेट्स पर रोक लगा दी है। ED ने बताया कि ये एसेट्स बैंक एकाउंट्स, पेमेंट गेटवे के बैलेंस और Flipvolt क्रिप्टो एक्सचेंज पर वॉलेट्स में हैं। इस मामले में फर्म से जुड़े कई परिसरों पर छापे मारे गए थे। ED ने बताया गया था, "ये लेंडिंग के गलत तरीकों के कारण अपराध से मिली रकम है। इससे खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी को अज्ञात विदेशी क्रिप्टो वॉलेट एड्रेस में ट्रांसफर किया गया था।" इसके साथ ही ED का कहना था कि Vauld की भारत में
फर्म से जुड़े जिन एसेट्स पर रोक लगाई गई है उन्हें फंड के बारे में पूरी जानकारी देने पर ही जारी किया जाएगा।