मोटोरोला ने मोबाइल इंडस्ट्री में धमाकेदार शुरुआत की। लेकिन कुछ साल के अंदर वह कमज़ोर पड़ गई। कंपनी के लिए अच्छी बात यह रही है कि उसे लगातार सहारा मिलता रहा। तब तक मोटो के प्रोडक्ट ने मार्केट में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। इसे शुद्ध एंड्रॉयड अनुभव के लिए पहचाना जाने लगा। यह सब तब हुआ जब यह कंपनी गूगल के नेतृत्व में काम कर रही थी। तभी लेनोवो को इसमें एक उम्मीद दिखी और उसने
मोटोरोला को खरीद लिया। हालांकि, लेनोवो ने मोटोरोला की छवि बदलने की कोशिश नहीं की। यह कंपनी अपने तय रास्ते पर चलती रही।
ब्रांडिंग और मॉडल में आमूलचूल बदलाव हुए हैं, लेकिन चरित्र पुराने जैसा ही है। बेहद ही लोकप्रिय मोटो एक्स सीरीज़ को अब मोटो ज़ेड के नाम से जाना जाता है। पहचान के साथ काम भी पूरी तरह से बदल गया है। क्योंकि यह अलग-अलग किस्म के मॉड्स को सपोर्ट करता है। एलजी ने जी5 फ्लैगशिप के ज़रिए ऐसी ही कोशिश की थी। हालांकि, एलजी जी5 को तो लोकप्रिय नहीं हो सका। हमें उम्मीद है कि लेनोवो और मोटोरोला ने मिलकर कुछ नया करने की कोशिश की है।
मोटो ज़ेड लुक और डिज़ाइननया
मोटो ज़ेड मेटल और ग्लास का बना है। इसकी कीमत को इन हार्डवेयर स्पेसिफिकेशन के ज़रिए ही वाज़िब ठहराया जा सकता है। हालांकि, इसके लुक में कुछ अविस्मरणीय भी नहीं है, अगर सैमसंग गैलेक्सी एस7 (रिव्यू) और नए आईफोन से तुलना की जाए तो।
मोटो ज़ेड ज़रूरत से ज़्यादा लंबा है। इस कारण से स्क्रीन के नीचे काफी जगह बची हुई रहती है। आपको एक वर्गाकार फिंगरप्रिंट सेंसर मिलेगा जिसके ऊपर मोटो का लोगो है। सेंसर दिखने में होम बटन जैसा है, जो वाकई में नहीं है। आपको नेविगेशन के लिए स्टेंडर्ड ऑनस्क्रीन एंड्रॉयड कंट्रोल मिलेंगे। सेंसर स्क्रीन को लॉक या अनलॉक करने का काम करता है। मोटो ज़ेड के साथ बिताए समय में हमने बार-बार इस सेंसर को छुआ, मानो यह होम बटन हो। इस चक्कर में कभी-कभार फोन लॉक भी हो गया।
फोन के किनारे मेटल फ्रेम के हैं। बायां हिस्सा पूरी तरह से खाली है। टॉप पर हाइब्रिड सिम ट्रे है। निचले हिस्से में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट है और इसमें कोई भी 3.5 एमएम ऑडियो सॉकेट नहीं है। पावर व वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं और ये बेहद ही छोटे हैं।
मोटो ज़ेड का सबसे रोचक हिस्सा रियर पैनल है। यहां पर सारे मॉड्यूलर मॉड्स कमाल के होते हैं। फोन तो बेहद ही पतला है। हालांकि, कैमरा लैंस और डुअल एलईडी फ्लैश वाली जगह पर उभार है। नीचे की तरफ आप एक चौड़ा सा मेटालिक कॉन्टेक्ट प्वाइंट देखेंगे। यह मोटोमॉड्स के लिए बनाई गई जगह है जो फोन के पिछले हिस्से पर चुंबक के जरिए चिपक जाते हैं। जब आप मॉड नहीं इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप स्टाइल शेल को चिपका सकते हैं। आप चाहें तो फोन को मॉड या शेल के बिना भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन आपको धारदार किनारों को झेलने के लिए तैयार रहना होगा। हमें मिला रिव्यू यूनिट वुड-ग्रे स्टाइल शेल के साथ आता है। आपके पास मोटो ज़ेड के कलर और टेक्सचर को अपनी सुविधा के हिसाब से बदल सकते हैं। इस शेल के कारण फोन को ग्रिप करने में ज़्यादा सहूलियत हुई। इसके कारण चौड़ाई बढ़ने से हमें कोई शिकायत नहीं है।
मॉड्स और स्टाइल शेल चुंबकीय शक्ति से मोटो ज़ेड के पिछले हिस्से में बिना किसी परेशानी के जुड़ जाते हैं। और कैमरे की उभार के कारण ये अपनी जगह पर बने रहते हैं। हमने पाया कि मैगनेटिक लॉक पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं था।
मोटो ज़ेड के वाटर और डस्ट प्रूफ होने के बारे में कोई दावा नहीं किया गिया है जिसकी इस प्राइस रेंज के फोन में मौज़ूद रहने की उम्मीद होती है। हालांकि, मोटोरोला की वेबसाइट पर लिखा है कि फोन में नैनो कोटिंग मौजूद है जो फोन को पानी या किसी अन्य द्रव्य पदार्थ के छींटों से बचाने का काम करेगा।
मोटो ज़ेड स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयरमोटो ज़ेड के स्पेसिफिकेशन काफी शानदार हैं, लेकिन इतने भी नहीं कि किफ़ायती वनप्लस 3 और असूस ज़ेनफोन 3 से बड़ा अंतर बना पाएं। आपको 1.8 गीगाहर्ट्ज़ क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर, एड्रेनो 530 जीपीयू, 4 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज मिलती है। 2 टीबी तक के माइक्रोएसडी कार्ड के लिए सपोर्ट भी मौज़ूद है। हालांकि, हाइब्रिड सिम डिज़ाइन की वजह से आप माइक्रोएसडी इस्तेमाल करने पर दूसरा सिम नहीं लगा पाएंगे।
इसमें 5.5 इंच का 1440x2560 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन वाला डिस्प्ले है। इसकी पिक्सल डेनसिटी 535 पीपीआई है। बैटरी 2600 एमएएच की है। मोटोरोला ने मात्र 15 मिनट की चार्ज़िंग में 7 घंटे तक के पावर का वादा किया है।
रियर कैमरे का सेंसर 13 मेगापिक्सल का है। यह लेज़र ऑटोफोकस, एफ/1.8 अपर्चर और सबसे रोचक ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन फ़ीचर से लैस है। फ्रंट कैमरे का सेंसर 5 मेगापिक्सल का है, लेकिन यह वाइड एंगल लेंस के साथ आता है। इसके साथ एक फ्लैश भी है व बड़े सेंसर की मदद से कम रोशनी में परफॉर्मेंस और बेहतर होने की उम्मीद है। यह फोन एंड्रॉयड 6.0.1 पर चलता है जिसमें बहुत ज़्यादा कस्टमाइजेशन नहीं किए गए हैं।
हमें लगता है कि मोटो ज़ेड के फिंगरप्रिंट सेंसर का इस्तेमाल और भी कई काम के लिए संभव होना चाहिए था। सेंसर बटन नहीं है, छूने मात्र से यह अपना काम करने लगता है। आप फोन को स्टैंडबाय से एक्टिव कर सकते हैं और एक झटके में फिंगरप्रिंट से एक्टिव भी कर पाएंगे। लेकिन, फोन एक्टिव होने की स्थिति में अगर आप सेंसर को गलती से भी छू लेते हैं तो यह तुरंत ही इसे लॉक कर देता है।
मोटो ज़ेड में सॉफ्टवेयर के लिहाज से सबसे बड़ा बदलाव एक्टिव डिस्प्ले फ़ीचर में हुआ है। इसकी झलक में हमें पुराने मोटो फोन में मिल चुकी है।
इसमें कुछ वॉयस और गैसचर कंट्रोल भी मौजूद हैं। आप स्टैंडबाय मोड से सीधे कैमरा ऐप को भी लॉन्च कर सकते हैं, बस आपको अपनी कलाई को दो बार घुमाना होगा। हमें यह बेहद ही काम का लगा।
मोटोरोला ने इस फोन में अपना एक मात्र ऐप मोटो दिया है। इसमें एक्टिव डिस्प्ले, गैस्चर और वॉयस असिस्टेंट के लिए सभी कंट्रोल मौजूद हैं। मोटो मॉड्स नाम से एक आइकन भी मौजूद है लेकिन यह वेब पेज का लिंक है।
मोटो ज़ेड परफॉर्मेंसअन्य बड़े स्क्रीन वाले फोन की तरह मोटो ज़ेड को इस्तेमाल करना आसान नहीं है। ग्रिप और सहूलियत का ध्यान रखा गया है, खासकर स्टाइल शेल को अटैच करने पर। कैमरा इस्तेमाल करने या 3डी गेम खेलने पर फोन के फ्रंट और रियर पैनल का निचला हिस्सा थोड़ा गर्म हो जाता है।
फोन पर सभी फॉर्मेट के वीडियो आसानी से चले। स्क्रीन ब्राइट और वाइब्रेंट है। सूरज की तेज रोशनी में भी पढ़ने में भी दिक्कत नहीं होती। एक मात्र बिल्ट इन स्पीकर गेम खेलने और वीडियो देखने के लिए ठीक हैं, लेकिन इन पर गाने सुनने में ज़्यादा मज़ा नहीं आता। बॉक्स में दिए गए हेडसेट की आवाज ठीक-ठाक है, लेकिन कठोर प्लास्टिक का होने के कारण यह इस्तेमाल में अटपटा है।
आम परफॉर्मेंस की बात करें तो मोटो ज़ेड कभी धीमा नहीं पड़ा। बैकग्राउंड में कई बड़े ऐप चलने और कई ब्राउज़र टैब खुले रहने के बावजूद इसकी स्पीड कम नहीं हुई।
मोटोरोला ने इस बार डिफॉल्ट कैमरा ऐप में बदलाव किया है। मोटो ज़ेड में दिए गए ऐप को इस्तेमाल करना आसान है। इसमें एक प्रो मोड है जिसमें फोकस, व्हाइट बैलेंस, आईएसओ, शटर स्पीड और एक्सपोज़र को नियंत्रित करना संभव है। वीडियो और स्लो मोशन के अपने मोड हैं। ऐप बार कोड, क्यूआर कोड और बिज़नेस कार्ड को डिटेक्ट कर सकता है।
हमें फोटो क्वालिटी बेहद ही पसंद आई। दिन की रोशनी में ली गई तस्वीरों में हमने पाया कि ऑब्जेक्ट के सारे डिटेल को ठीक-ठाक कैपचर किया गया था। कुछ टेक्सचर नहीं थे और ऑटोफोकस में भी कभी-कभार दिक्कतों का सामना हुआ। लेकिन, कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि मोटो ज़ेड का कैमरा इसकी कीमत को वाज़िब ठहराता है।
(मोटो ज़ेड के कैमरे सैंपल देखने के लिए क्लिक करें)
रात में भी ली गई तस्वीरें अच्छी आईं। थोड़ा नॉयज़ और मोशन ब्लर था, लेकिन हमें काम की कई तस्वीरें मिलीं। फ्रंट कैमरा भी काफी सक्षम है। लेकिन हमें लगा कि सिर्फ एक हाथ की दूरी के ऑब्जेक्ट के लिए फ्लैश ज़्यादा पावरफुल है।
(मोटो ज़ेड के कैमरे सैंपल देखने के लिए क्लिक करें)
बैटरी लाइफ ने हमें निराश किया। यह मोटोरोला के 12 घंटों के दावों से भी कम है। हमारे वीडियो लूप टेस्ट ने बार-बार निराशाजनक नतीजे दिए। अंत में हमने कंपनी को दूसरा रिव्यू यूनिट भेजने की गुज़ारिश की। नए यूनिट की बैटरी लूप टेस्ट में 13 घंटे 4 मिनट तक चली। उम्मीद करते हैं कि बैटरी की खराब परफॉर्मेंस सिर्फ एक यूनिट तक ही सीमित है। आम इस्तेमाल में फोन की बैटरी आसानी से एक दिन तक चली। चार्ज़िंग का काम बेहद ही तेजी से हुआ। मात्र 15 मिनट में बैटरी 20 फ़ीसदी तक चार्ज हो गई और 30 मिनट में 45 फ़ीसदी तक।
हमारा फ़ैसलामॉड्यूलर स्मार्टफोन के क्षेत्र में मोटोरोला ने अब तक की सबसे ठोस कोशिश की है। अगर मॉड्स को एक पल के लिए भूल भी जाएं तो नया मोटो ज़ेड पावरफुल और स्टाइलिश हैंडसेट है। इसके बारे में ज्यादातर चीज़ें अच्छी हैं और यह काम भी बखूबी करता है। यह फोन उन लोगों के लिए है जो स्टाइल और पावर चाहते हैं। मोटो मॉड्स का इस्तेमाल कर पाना इसकी अहम ख़ासियत है।
हालांकि, इसमें कुछ कमियां भी हैं, जैसे कि बेहद ही अटपटा फिंगरप्रिंट सेंसर और यह बहुत ज़्यादा गर्म हो जाता है। यह वनप्लस 3 और ज़ेनफोन 3 से भी महंगा है। अगर आपको कोई भी मॉड पसंद नहीं है तो आप इस फोन के लिए इतने पैसे नहीं खर्चना चाहेंगे। इसकी जगह आप सैमसंग गैलेक्सी एस7 के बारे में विचार कर सकते हैं।