पिछले कुछ वर्षों से तेजी से बढ़ रहे स्मार्टफोन मार्केट पर इकोनॉमिक स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों का असर पड़ रहा है। भारत में इस वर्ष की पहली तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 20 प्रतिशत घटी है। पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में इस मार्केट में छह प्रतिशत की कमी हुई थी।
मार्केट रिसर्च फर्म Canalys की
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के स्मार्टफोन मार्केट पर डिमांड में कमी और इनवेंटरी अधिक होने का असर पड़ा है। हालांकि, दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने 21 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ अपनी पहला स्थान बरकरार रखा है। सैमसंग ने पहली तिमाही में लगभग 63 लाख यूनिट्स की बिक्री की है। चाइनीज स्मार्टफोन मेकर्स Oppo और Vivo का क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान है। इन दोनों कंपनियों का मार्केट शेयर लगभग 18 प्रतिशत का था। चीन की ही Xiaomi ने 16 प्रतिशत के मार्केट शेयर के साथ चौथा स्थान हासिल किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कस्टमर्स महंगे
स्मार्टफोन्स पर खर्च करने के लिए तैयार हैं। इसका मतलब है कि स्मार्टफोन कंपनियों को अपने हैंडसेट्स में फीचर्स को बढ़ाना होगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर में देश से मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट बढ़कर 11.12 अरब डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है। इस एक्सपोर्ट में iPhone बनाने वाली Apple की हिस्सेदारी लगभग आधी है। इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट लगभग 45,000 करोड़ रुपये का था।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने बताया है, "अधिक एक्सपोर्ट के बिना कोई इकोनॉमी या सेक्टर ग्रोथ नहीं कर सकता। पिछले फाइनेंशियल ईयर में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट 100 प्रतिशत बढ़ा है। यह 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का रहा है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट भी 58 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ लगभग 1,85,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।" केंद्र सरकार ने देश से मोबाइल फोन के एक्सपोर्ट के लिए 10 अरब डॉलर (लगभग 81,900 करोड़ रुपये) का लक्ष्य रखा था। एपल की इस एक्सपोर्ट में लगभग आधी हिस्सेदारी रही। कंपनी ने लगभग 5.5 अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपये) के मेड इन इंडिया आईफोन्स का एक्सपोर्ट किया है। मोबाइल फोन के एक्सपोर्ट में Samsung की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत होने का अनुमान है।