दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple की सप्लायर Foxconn ने भारत में 1.5 अरब डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। ताइवान की फॉक्सकॉन ने देश में आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी की है। इसने अपनी फैक्टरी में वर्कर्स को ट्रेनिंग देने के लिए चाइनीज इंजीनियर्स को भी भेजा था।
हाल ही में देश में फॉक्सकॉन के प्रतिनिधि ने बताया था कि कंपनी का लक्ष्य अगले वर्ष तक अपने इनवेस्टमेंट और वर्कफोर्स को दोगुना करने का है। यह चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को डायवर्सिफाइ करना चाहती है। पिछले वर्ष चीन में कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से फॉक्सकॉन के प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ा था। इसकी तमिलनाडु में आईफोन की फैक्टरी में लगभग 40,000 वर्कर्स हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में कंपनी ने इस फैक्टरी में प्रोडक्शन में सुधार के लिए चाइनीज इंजीनियर्स को बुलाया था। चीन में फॉक्सकॉन की फैक्टरी में एफिशिएंसी का लेवल अधिक है।
हालांकि, तमिलनाडु की इसकी फैक्टरी में डिफेक्टिव यूनिट्स की रेशो अधिक है और मैटीरियल्स की कॉस्ट भी महंगी है। इस वजह से फॉक्सकॉन को कम प्रॉफिट मिलता है। देश में
आईफोन के प्रोडक्शन में फॉक्सकॉन का मुकाबला Tata Group से होगा। ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले टाटा ग्रुप ने हाल ही में Wistron की देश में यूनिट को टेकओवर किया था।
टाटा ग्रुप की एक कंपनी पहले ही आईफोन के लिए कंपोनेंट्स की सप्लाई करती है। विस्ट्रॉन के एक्विजेशन के बाद यह कंपनी देश में एपल की दो सप्लायर्स Foxconn और Pegatron की तरह आईफोन की असेंबलिंग कर सकेगी। इस डील के लिए टाटा ग्रुप ने देश में विस्ट्रॉन की यूनिट में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बाइंडिंग शेयर परचेज एग्रीमेंट किया है। देश में
एपल की सप्लायर्स Foxconn और Pegatron के प्लांट्स में आईफोन 14, आईफोन 15 और इसके अन्य मॉडल्स की असेंबलिंग होती है। एपल का सितंबर में समाप्त हुई चौथी तिमाही एपल का चीन से रेवेन्यू लगभग 2.5 प्रतिशत घटा है। कंपनी की मौजूदा तिमाही के लिए सेल्स पिछले वर्ष के समान रहने की संभावना है। एपल के लिए यह तिमाही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसमें क्रिसमस हॉलिडेज पड़ते हैं जब नए आईफोन्स की सबसे अधिक सेल्स होती है।