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Apple के रेवेन्यू में चार वर्ष में पहली बार हो सकती है गिरावट, डिमांड घटने का असर

एपल ने भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग के साथ ही एक्सपोर्ट भी बढ़ाया है। कंपनी ने दिसंबर में देश से एक अरब डॉलर के हैंडसेट्स का एक्सपोर्ट किया है

Apple के रेवेन्यू में चार वर्ष में पहली बार हो सकती है गिरावट, डिमांड घटने का असर

इस वर्ष आईफोन की सेल्स में लगभग दो प्रतिशत की कमी हो सकती है

ख़ास बातें
  • कंपनी के लिए डिमांड घटी है
  • एपल ने भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाया है
  • कंपनी ने दिसंबर में देश से एक अरब डॉलर के हैंडसेट्स का एक्सपोर्ट किया है
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दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple के तिमाही रेवेन्यू में लगभग चार वर्षों में पहली बार गिरावट हो सकती है। चीन में कोरोना के कारण लगी पाबंदियों से डिमांड में कमी होने और कंपनी की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn की चीन में सबसे बड़ी फैक्टरी में वर्कर्स के दंगे से प्रोडक्शन में कमी से एपल पर असर पड़ा है। 

इनवेस्टर्स की यह जानने में दिलचस्पी होगी कि कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव Tim Cook डिमांड को बढ़ाने के लिए क्या उपाय करते हैं। इकोनॉमी की मुश्किल स्थिति के कारण बहुत सी टेक कंपनियों ने बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की है। हालांकि, एपल ने ऐसा कदम नहीं उठाया है क्योंकि कंपनी ने महामारी के दौरान अधिक हायरिंग नहीं की थी। एडवाइजरी फर्म Cowen का कहना है कि सप्लाई चेन की चुनौतियों में कमी हुई है। हालांकि, कुछ अन्य कारणों के कारण कंपनी के लिए डिमांड घटी है। इस वर्ष आईफोन की सेल्स में लगभग दो प्रतिशत की कमी हो सकती है। 

दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली लिस्टेड कंपनी एपल की ओर से गुरुवार को तिमाही रिजल्ट की घोषणा की जा सकती है। कंपनी के लिए आईफोन की बिक्री में पिछली बार कमी कोरोना के दौरान हुई थी। UBS के एनालिस्ट्स का अनुमान है कि आईफोन की बिक्री चीन और यूरोप की तुलना में अमेरिका में अधिक हो सकती है। चीन और यूरोप पर कोरोना और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की मार पड़ी है। 

एपल ने भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग के साथ ही एक्सपोर्ट भी बढ़ाया है। कंपनी ने दिसंबर में देश से एक अरब डॉलर के हैंडसेट्स का एक्सपोर्ट किया है। भारत में एपल की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स Foxconn और Wistron की फैक्टरी में आईफोन की असेंबलिंग की जाती है। एपल ने iPhone के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का टारगेट बनाया है। कंपनी के लिए यह आंकड़ा अभी लगभग सात प्रतिशत का है। एपल ने कुछ वर्ष पहले अपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Wistron के जरिए देश में आईफोन की असेंबलिंग शुरू की थी। एपल के लिए चीन मैन्युफैक्चरिंग का हब है। हालांकि, पिछले वर्ष कोरोना के कारण पाबंदियों और अन्य मुश्किलों के कारण चीन में एपल की मैन्युफैक्चरिंग पर बड़ा असर पड़ा था।  

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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