भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In ने देश में तेजी बढ़ रहे OTP फ्रॉड के चलते लोगों के लिए एक जरूरी सलाह जारी की है। इसमें लोगों को OTP (वन-टाइम पासवर्ड) फ्रॉड से किस तरह बचना है, इसकी जानकारी दी गई है। डिजिटल पेमेंट तेजी से आम होने के साथ, स्कैमर्स ने लोगों को OTP उनके साथ शेयर करने के लिए धोखा देने वाले कई अतरंगी पैंतरे तैयार किए हैं, जिससे लोगों को लाखों रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालिया महीनों में इस तरह की कई घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं, जहां धोखाधड़ी करने वालों ने लोगों को अलग-अलग तरीके आजमाकर उनसे OTP लिया है और उनके बैंक अकाउंट में डिजिटली डाका डाला है। ऐसे में आपको भी OTP फ्रॉड के बारे में अच्छे से जानना चाहिए।
What is OTP Fraud and How Do Scammers Execute This?
ओटीपी धोखाधड़ी (OTP Fraud) एक ऐसा घोटाला है, जहां फ्रॉड करने वाले अपने टार्गेट को उनका वन-टाइम पासवर्ड (OTP) बताने के लिए बरगलाते हैं। यदि आप नहीं जानते, तो बता दें कि आमतौर पर वित्तीय लेनदेन को पूरा करने या अकाउंट्स को एक्सेस करने के लिए वैरिफिकेशन के रूप में OTP की जरूरत होती है। ये OTP SMS या ईमेल के जरिए बैंक द्वारा भेजे जाते हैं। इन्हें सबमिट करने के बाद ही ट्रांजेक्शन पूरी होती है या अकाउंट में लॉग-इन होता है।
ये सिक्योरिटी सिस्टम में एक एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर के रूप में काम करता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत यूजर ही संवेदनशील कार्यों को पूरा कर सके। हालांकि, घोटालेबाज लोगों की जागरूकता की कमी का फायदा उठाते हैं, और अक्सर इस नंबर को हासिल करने के लिए खुद को बैंक या सर्विस प्रोवाइडर से जुड़े वैध कर्मचारी दिखाते हैं। एक बार ओटीपी शेयर हो जाने के बाद, घोटालेबाज उनका इस्तेमाल पेमेंट को अपने खुद के खातों में लेने के लिए करते हैं या कुछ केस में यूजर के अकाउंट को अपने डिवाइस पर लॉग-इन कर लेते हैं।
स्कैमर्स व्यक्तियों को अपना OTP शेयर करने के लिए बरगलाने के लिए कई अलग-अलग हथकंडे अपनाते हैं। भरोसा कायम करने के लिए वे अक्सर खुद को बैंक प्रतिनिधी, ग्राहक सेवा एजेंट या यहां तक कि सरकारी अधिकारी बताते हैं। भरोसे को और मजबूत करने के लिए वे कई बार फोन नंबरों को भी टोल-फ्री या आधिकारिक बैंक नंबर से मिलता जुलता कर लेते हैं। फ्रॉड करने वाले पीड़ित पर ओटीपी बताने के लिए दबाव डालने के लिए उनके अकाउंट पर फर्जी समस्या होने का नाटक करते हैं या उन्हें आकर्षक पुरस्कार दिए जाने का ढ़ोंग करते हैं। कुछ मामलों में, वे फिशिंग वेबसाइटों या ऐप्स का भी इस्तेमाल करते हैं, जो यूजर्स को उनके ओटीपी और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने के लिए आधिकारिक पोर्टल से मिलते-जुलते लगते हैं।
How to Avoid OTP Fraud
CERT-In के अनुसार, इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए नीचे बताई जानकारी को ध्यान में रखें:-
किसी भी बैंक या अधिकृत कंपनी के टोल-फ्री नंबर के समान दिखने वाली कॉल से सावधान रहें।
किसी भी व्यक्तिगत जानकारी जैसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड डिटेल्स, CVV, OTP, अकाउंट नंबर, जन्म तिथि, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के अंत के नंबर आदि को फोन/ऑनलाइन पर अज्ञात व्यक्तियों से शेयर न करें।
हमेशा बैंक या किसी अधिकृत कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और उस नंबर को वैरिफाई करें जिससे कॉल/SMS प्राप्त हुआ है।
कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट या ऐसे किसी ऑफर के लिए फोन कॉल, ईमेल और SMS पर OTP शेयर न करें।