क्या है नेट न्यूट्रैलिटी? आम आदमी की भाषा में समझें

क्या है नेट न्यूट्रैलिटी? आम आदमी की भाषा में समझें
विज्ञापन
भारत में नेट न्यूट्रैलिटी पर डिबेट जारी है। सरकार बार-बार भरोसा दे रही है कि देश के हर नागरिक को इंटरनेट का अधिकार है। उसका मकसद डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना है, ऐसे में वह नेट न्यूट्रैलिटी से कभी भी समझौता नहीं करेगी।

दरअसल, इंटरनेट पर न्यूट्रैलिटी को लेकर चर्चा तो कई दिनों से चल रही थी पर यह सुर्खियों में तब आया जब ट्राई में मोबाइल ऑपरेटरों के दबाव में इंटरनेट कंटेंट पर चार्ज लगाने पर इंटरनेट यूजर्स से फीडबैक मांगा। इंटरनेट यूजर्स ने तो 24 अप्रैल तक ट्राई को अपने विचार दे दिए हैं। अगर आपने फीडबैक नहीं दिया तो कोई बात नहीं, एक बार फिर से नेट न्यूट्रैलिटी को आम आदमी की भाषा में समझते हैं।

क्या है नेट न्यूट्रैलिटी?
नेट न्यूट्रैलिटी कोई परिभाषित परिस्थिति नहीं है। सिद्धांतों के आधार पर बात करें तो इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने नेटवर्क पर हर ट्रैफिक को एक समान तवज्जो देनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर, एयरटेल ब्रांड को अपने नेटवर्क पर जानबूझकर किसी वेबसाइट या फिर किसी वेब कंटेंट को ब्लॉक या धीमा नहीं करना चाहिए। खासकर ऐसी परिस्थिति में जब उसका मकसद अपनी सर्विसेज को फायदा पहुंचाना हो।

नेट न्यूट्रैलिटी को कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स?
इंटरनेट प्रोवाइडर्स पहले भी Skype जैसी वीडियो कॉलिंग सर्विसेज के लिए अलग से चार्ज लेने की बात कर चुके हैं। क्योंकि उन्हें लगता रहा है कि इस तरह के प्रोडक्ट्स उनके वॉयस कॉलिंग बिजनेस को नुकसान पहुंचाते हैं। यही नेट न्यूट्रैलिटी के कंसेप्ट के खिलाफ है जो सभी ट्रैफिक को बराबर तवज्जो देने की बात करता है।

क्या है जीरो रेटिंग?
एयरटेल ने इंटरनेट पर ओपन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है। इसके जरिए आप कई मोबाइल एप्प का मुफ्त लाभ उठा सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म को एयरटेल जीरो का नाम दिया गया है। इस प्लेटफॉर्म पर किसी एप्प के इस्तेमाल करने के लिए आपको डेटा चार्ज नहीं देना होगा। इसका बिल एयरटेल अपनी पार्टनर कंपनी या एप्प बनाने वाली कंपनी से लेगी।

भले ही अभी सुनने में यह कस्टमर के लिए फायदे का सौदा लगे पर एक समय के बाद इससे उपभोक्ता के हित को नुकसान पहुंचेगा। क्योंकि संभावना है कि कंज्यूमर्स फ्री सर्विस लेने के आदी हो जाएं। इस रेस में उन छोटी कंपनियों को नुकसान होगा, जिनके पास इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स से पार्टनरशिप में जाने के लिए पूंजी नहीं है। धीरे-धीरे एक समय के बाद कंज्यूमर्स के लिए नए विकल्प कम होते जाएंगे।

वैसे इस रेस में एयरटेल अकेला नहीं है, फेसबुक ने भी इसी पॉलिसी पर Internet।org की शुरुआत की है। इससे पहले भी कई एप्स की कंपनियों ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से मुफ्त सेवा के लिए टाई अप किया था।

इस पर होती है किसकी नजर?
भारत में इंटरनेट संबंधी सेवाओं की निगरानी की जिम्मेदारी Trai या भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की है। फिलहाल ट्राई ने इंटरनेट यूजर्स से प्रतिक्रिया मंगा ली है। आने वाले समय में अब वह अपने सुझाव सरकार को देगी।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Internet, Net Neutrality, Trai
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Oppo Find X9 जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, BIS की वेबसाइट पर लिस्टिंग
  2. एमेजॉन की सेल में प्रोजेक्टर्स पर मिल रहा बड़ा डिस्काउंट
  3. Amazon की सेल में Canon, Epson और कई ब्रांड्स के प्रिंटर्स पर बेस्ट डील्स
  4. India vs Pakistan Asia Cup Final: केवल कुछ ही सीटें बाकी, यहां से ऑनलाइन करें टिकट बुक
  5. Amazon की सेल में 43 इंच के स्मार्ट TVs पर बड़ा डिस्काउंट
  6. OnePlus 15 में मिलेगा 165Hz रिफ्रेश रेट वाला डिस्प्ले, होगी हाई-एंड गेमिंग!
  7. एमेजॉन की सेल में बेस्ट सेलिंग स्मार्टफोन्स, Smart TVs पर भारी डिस्काउंट
  8. Samsung फ्री दे रहा है 44 हजार वाली Galaxy Watch 8 , यूजर्स को पैदल चलने पर मिलेगा बड़ा गिफ्ट
  9. iPhone 17 vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  10. Amazon Sale 2025 में Sony, Zebronics, Mivi जैसे ब्रांड के होम थियेटर्स पर 81% तक डिस्काउंट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »