देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी Infosys का मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दूसरी तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 11.1 प्रतिशत बढ़कर लगभग 6,021 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के रेवेन्यू में लगभग 23.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह 36,538 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कंपनी के बोर्ड ने 1,850 रुपये प्रति शेयर के प्राइस पर 9,300 करोड़ रुपये से शेयर्स
बायबैक के लिए स्वीकृति दी है। यह प्राइस कंपनी के मौजूदा शेयर प्राइस से अधिक है। BSE पर बुधवार को Infosys का शेयर लगभग 0.64 प्रतिशत गिरकर 1,419.75 रुपये पर बंद हुआ। इसके साथ ही बोर्ड ने शेयरहोल्डर्स को 16.50 रुपये प्रति शेयर का इंटरिम डिविडेंड देने की भी घोषणा की है। शेयर्स का बायबैक ओपन मार्केट के जरिए किया जाएगा। इंफोसिस ने पिछले वर्ष भी लगभग 9,200 करोड़ रुपये के शेयर्स बायबैक किए थे। दूसरी तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 1.5 प्रतिशत बढ़ा है।
इंफोसिस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO), Nilanjan Roy ने बताया कि कॉस्ट में कमी करने से उपायों से मार्जिन में 0.9 प्रतिशत और करेंसी में वोलैटिलिटी से 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी का कहना है कि इकोनॉमिक स्थिति को लेकर आशंकाएं बरकरार हैं। हालांकि, इंफोसिस के लिए डिमांड अच्छी बनी हुई है। कंपनी ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में रेवेन्यू 15-16 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान दिया है।
हाल ही में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी दूसरी तिमाही के रिजल्ट की घोषणा की थी। कंपनी का जुलाई-सितंबर के दौरान नेट प्रॉफिट लगभग 8 प्रतिशत बढ़कर 10,431 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने 8 रुपये प्रति शेयर का इंटरिम डिविडेंड देने की भी घोषणा की है। TCS के बड़े मार्केट्स में शामिल नॉर्थ अमेरिका में
कंपनी की ग्रोथ 17.6 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक रही। यूरोप में यह आंकड़ा लगभग 14.1 प्रतिशत और ब्रिटेन में 14.8 प्रतिशत रहा। इमर्जिंग मार्केटस में भारत में कंपनी की ग्रोथ 16.7 प्रतिशत, लैटिन अमेरिका में लगभग 19 प्रतिशत, मिडल ईस्ट और अफ्रीका में लगभग 8.2 प्रतिशत और एशिया पैसेफिक में 7 प्रतिशत की रही। TCS के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, N Ganapathy Subramaniam ने कहा था, "हमें प्राइसिंग स्थिर रहने का अनुमान है। यूरोप से डिमांड कुछ कम है। इन्फ्लेशन बढ़ने के कारण रिटेल सेगमेंट में ग्रोथ कम रह सकती है।"