पिछले कुछ महीनों से वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने सऊदी अरब की मदद से IT सेक्टर में मौजूदगी बढ़ाने की योजना बनाई है। दोनों देशों के बीच कोलेब्रेशन से अगले पांच वर्षों में पाकिस्तान में लगभग 10 करोड़ डॉलर के प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाएगा। इससे 1,000 से अधिक जॉब्स मिलने की उम्मीद है।
सऊदी अरब के प्रिंस Fahad bin Mansour ने पाकिस्तान की सबसे बड़ी टेक कॉन्फ्रेंस में यह
घोषणा की है। वह सॉफ्टवेयर कंपनी ILSA Interactive के को-फाउंडर भी हैं। प्रिंस फहद ने एक सऊदी-पाकिस्तान टेक फर्म बनाने की भी जानकारी दी। इससे दोनों देशों के बीच कारोबार को आसान बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया, "अगले पांच वर्षों में हम पाकिस्तान, सऊदी अरब और अन्य देशों में 1,000 से अधिक जॉब्स तैयार करने पर विचार कर रहे हैं। हमें 300 से अधिक प्रोजेक्ट्स मिलने की उम्मीद है, जिनकी कुल वैल्यू कम से कम 10 करोड़ डॉलर की होगी। हमारी कंपनी क महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं और इसके लिए हम पाकिस्तान और अन्य देशों में सॉफ्टवेयर कंपनियों और यूनिवर्सिटीज के साथ पार्टनरशिप करेंगे।"
ILSA Interactive के ऑफिस रियाद और लाहौर में हैं। कंपनी की शुरुआत पाकिस्तानी आंत्रप्रेन्योर Salman Nasir ने की थी। प्रिंस फहद की Tech House initiative की योजना सऊदी अरब में हेडक्वार्टर के अलावा पाकिस्तान में एक ब्रांच खोलने की भी है। उन्होंने कहा कि कंपनी सऊदी अरब और
पाकिस्तान के बीच कोलेब्रेशन को बढ़ाने का जरिया उपलब्ध कराना चाहती है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस Mohammed bin Salman ने पेट्रोलियम से मिलने वाले रेवेन्यू पर निर्भरता कम करने के लिए अन्य सेक्टर्स में बिजनेस को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
क्रूड ऑयल के प्राइसेज में गिरावट से सऊदी अरब की इकोनॉमी को झटका लगा है। इस वजह से सऊदी अरब ने इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए बहुत से सेक्टर्स में बिजनेस को बढ़ाने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत सऊदी अरब अन्य देशों के साथ पार्टनरशिप कर रहा है। पाकिस्तान को भी इस योजना से अपनी इकोनॉमी में सुधार करने में मदद मिल सकती है। पाकिस्तान और सऊदी के बीच दशकों से कारोबार हो रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान से सऊदी अरब को होने वाले एक्सपोर्ट में कमी आ रही है।