NASA ने दिखाई अंतरिक्ष से धरती की रात की तस्वीर, भारत दिख रहा चमकता सितारा

रात में धरती की तस्वीरें लोगों के लिए जिज्ञासा का कारण रही हैं। ये लगभग 25 वर्षों से मूलभूत रिसर्च का एक जरिया भी हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 24 मार्च 2023 16:47 IST
ख़ास बातें
  • इसमें धरती पर मानव बस्तियों के स्पष्ट पैटर्न दिख रहे हैं
  • इस इमेज में धरती का बाहरी हिस्सा हल्की नीली रोशनी में दिख रहा है
  • नासा की इस इमेज को इंटरनेट पर काफी पसंद किया जा रहा है

इसे 10 लाख से अधिक लाइक्स और हजारों कमेंट मिल चुके हैं

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने धरती की रात की एक इमेज शेयर की है। इसमें धरती पर मानव बस्तियों के स्पष्ट पैटर्न दिख रहे हैं। रात में धरती की इमेजेज लोगों के लिए जिज्ञासा का कारण रही हैं। ये लगभग 25 वर्षों से मूलभूत रिसर्च का एक जरिया भी हैं। इनसे मनुष्यों के इस ग्रह को आकार देने के तरीके और अंधेरे को दूर करने का पता चलता है। 

NASA ने इंस्टाग्राम पर लगभग सात वर्ष पुरानी धरती की रात में रोशनी से जगमगाती तस्वीर शेयर की है। इसमें धरती का बाहरी हिस्सा हल्की नीली रोशनी में दिख रहा है इसमें यूरोप और उत्तरी अफ्रीका में शहरों की लाइट्स चमकती हुई भी दिख रही हैं। नासा ने इस पोस्ट के कैप्शन मे लिखा है, "इस इमेज में रात में धरती की लाइट्स दिख रही हैं। इसे एक कंपोजिट तकनीक से लिया गया है जो प्रत्येक महीने बेस्ट क्लाउड फ्री रातों को चुनती है।" नासा के पूर्व साइंटिस्ट, Miguel Roman के हवाले से बताया गया है, "इस डेटा का इस्तेमाल कर, हम पावर डिलीवरी, तूफान, भूकंप और टकरावों जैसे बदलावों की निगरानी कर सकते हैं।" 

उन्होंने बताया, "हम हॉलिडे पर लाइटिंग और सीजन के अनुसार जगह बदलाने जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले बदलावों को भी देख सकते हैं। हम शहरीकरण, प्रवासन, आर्थिक बदलावों और इलेक्ट्रिफिकेशन के कारण स्थिति बदलने की भी निगरानी कर सकते हैं।" नासा की इस इमेज को इंटरनेट पर काफी पसंद किया जा रहा है। इसे 10 लाख से अधिक लाइक्स और हजारों कमेंट मिल चुके हैं। इंटरनेट पर पोस्ट्स में कुछ यूजर्स ने लिखा है कि भारत एक चमकते सितारे की तरह दिख रहा है। 

स्पेस में भेजे गए नासा के James Webb Space Telescope ने  WR 124, एक दुर्लभ वोल्फ-मेयेट तारे में विस्फोट या सुपरनोवा होने की हैरान करने वाली इमेज ली थी। यह तारा हमारे सूर्य से लगभग 30 गुना बढ़े आकार का है। इस तारे की बाहरी परतें निकलती दिख रही हैं। इससे बड़ी मात्रा में धूल और अन्य मैटीरियल निकला है जो चकाचौंध कर रहा है। किसी तारे में उसके साइकल के दौरान विस्फोट होने को सुपरनोवा कहा जाता है। बहुत बड़े आकार वाला यह तारा 15,000 लाइट ईयर्स दूर मौजूद है। जेम्स वेब टेलीस्कोप ने पिछले वर्ष जून में पहली बार इसकी इमेज ली थी। तारे के सुपरनोवा होने के दौरान बादल इसे झेल सकता है और ब्रह्मांड में धूल को बढ़ाता है। नासा के अधिकारियों का कहना है कि ब्रह्मांड के कार्य करने में धूल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नए बनने वाले तारों को ढाल देती है। 

 
 

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