पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार के बहुत से रिफॉर्म्स करने के बावजूद राज्यों में सरकारी अधिकारियों के कामकाज के तरीके से इंडस्ट्रीज को परेशानी हो रही है। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki के चेयरमैन, R C Bhargava का कहना है कि राज्यों में अधिकारी उसी तरीके से व्यवहार कर रहे हैं जैसा लाइसेंस और कंट्रोल के दिनों में होता था।
ईज ऑफ डुइंग बिजनेस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ के बारे में भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार ने बहुत से रिफॉर्म और बिजनेस के एनवायरमेंट में सुधार किए हैं। हालांकि, राज्य सरकार के अधिकारियों के कामकाज के तरीके को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है। भार्गव ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की धीमी ग्रोथ के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों के कामकाज का तरीका एक बड़ा कारण है। उनका कहना था कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिहाज से देश ने पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार किए हैं। भार्गव ने कहा कि केंद्र सरकार से 1,000 से अधिक वर्षों पुराने एक्ट्स को समाप्त कर दिया है। इससे बिजनेस करना आसान हुआ है। हालांकि, इनके परिणाम दिखने बाकी हैं।
उनका कहना था कि मैन्युफैक्चरर्स और आंत्रप्रेन्योर्स का राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ अधिकतर संपर्क होता है और इनमें से बहुत से अभी पुराने तरीके से चल रहे हैं। भार्गव ने बताया, "राज्य सरकारों में ब्यूरोक्रेसी और पूरे प्रशासन ने केंद्र सरकार की तरह बदलाव नहीं किया है। कामकाज में काफी देरी हो रही है। प्रशासन का रवैया लाइसेंस और कंट्रोल के दिनों के जैसा है।"
मारूति सुजुकी को इस फेस्टिव सीजन में पैसेंजर व्हीकल्स की सेल्स 10 लाख यूनिट से ज्यादा रहने की उम्मीद है। इस वर्ष फेस्टिव सीजन की शुरुआत 17 अगस्त से हुई थी और यह 14 नवंबर तक चलेगा। इस अवधि में ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपनी
सेल्स का बड़ा हिस्सा मिलता है।
मारूति सुजुकी के सीनियर एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Shashank Srivastava ने बताया था कि आमतौर पर फेस्टिव सीजन में एक वर्ष के दौरान कुल सेल्स का 22-26 प्रतिशत मिलता है। उन्होंने कहा, "इस फाइनेंशियल ईयर में पैसेंजर व्हीकल्स की कुल सेल्स लगभग 40 लाख यूनिट्स होने का अनुमान है। फेस्टिव सीजन में सेल्स लगभग 10 लाख यूनिट्स की हो सकती है।" श्रीवास्तव ने बताया था कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की सेल्स इस वर्ष मजबूत रही है और यह आगामी महीनों में भी जारी रहने की उम्मीद है।