प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टूडेंट्स से संतुलित जीवनशैली अपनाने और बेहतर प्रतिस्पर्धी प्रयास करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि घरों में एक 'नो गैजेट जोन' बनाया जाना चाहिए जिससे टेक्नोलॉजी के हस्तक्षेप के बिना परिवार में अच्छा समय बिताया जा सके। उनका कहना था कि गैजेट्स को रिचार्ज करने के साथ ही शरीर को भी रिचार्ज करना महत्वपूर्ण होता है।
मोदी ने वार्षिक 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान मोबाइल फोन्स के लिए चार्जिंग और व्यक्तियों के लिए उपयुक्त नींद के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया। उनका
कहना था, "अगर आपके मोबाइल को चार्जिंग की जरूरत है, तो क्या आपको भी अपने शरीर को चार्ज्ड नहीं रखना चाहिए? इसके लिए उपयुक्त नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है। घर के अंदर 'नो गैजेट जोन' होना चाहिए। जब आप अपने परिवार के साथ हों और डाइनिंग टेबल पर बैठे हों तो कम्युनिकेट करने के लिए फोन का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।"
उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स पर तीन प्रकार का प्रेशर होता है - साथियों से, अभिभावकों की ओर से और खुद से बनाया गया प्रेशर। मोदी का कहना था, "कई बार बच्चे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण खुद पर प्रेशर लेते हैं। मेरा सुझाव है कि आपको तैयारी के दौरान छोटे लक्ष्य तय करने चाहिए और इसके बाद अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए। इस प्रकार से आप परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।" उन्होंने स्टूडेंट्स को देश के भविष्य को आकार देने वाला बताया। मोदी का कहना था कि 'परीक्षा पे चर्चा' उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है।
परीक्षाओं से पहले आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के सातवें संस्करण में मोदी ने कहा कि स्टूडेंट्स पहले से अधिक इनोवेटिव हो गए हैं। एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में स्टूडेंट्स, अभिभावकों और शिक्षकों को जोड़ा जाता है। मोदी का टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर रहा है। हाल ही में मोदी ने देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की थी। मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए काफी सुविधाएं दी हैं। उनका कहना था कि देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की जोरदार ग्रोथ होगी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक इकोसिस्टम तैयार हो रहा है।