पिछले कुछ वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ गए हैं। इमरान खान को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में मंगलवार को कोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान के कई शहरों में हिंसा भड़क गई थी। इस गिरफ्तारी से नाराज लोगों ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी। पाकिस्तानी सरकार ने हिंसा पर रोक लगाने और स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया सर्विसेज पर रोक लगाने का ऑर्डर दिया है। हिंसा कर रहे लोगों और पुलिस के बीच कई जगहों पर झड़प भी हुई है।
इससे पाकिस्तान में Twitter, Facebook और YouTube जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स का एक्सेस लगभग बंद हो गया है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा के क्लिप्स दिखाए गए थे। इससे इमरान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ ( PTI) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों का गुस्सा बढ़ गया था। हिंसा को रोकने के लिए पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी को
इंटरनेट सर्विसेज पर रोक लगाने का आॉर्डर दिया गया था। इसके बाद यूट्यूब और ट्विटर की सर्विसेज में रुकावट आई थी। इससे
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ भी अपलोड नहीं हो पा रहा।
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को कानून के तहत बताया है। कोर्ट में दायर की गई एक याचिका में इस गिरफ्तारी को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की गई थी। नेशनल एकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने अल कादिर ट्रस्ट मामले में इमरान के खिलाफ वॉरंट जारी किया था। इमरान की अगुवाई वाली पिछली तहरीक ए इंसाफ सरकार और एक बड़े रियल एस्टेट कारोबारी के बीत हुए समझौते को लेकर NAB की जांच चल रही है। इस मामले में इमरान के अलावा उनकी पत्नी बुशरा बीबी और PTI के कुछ नेता जांच का सामना कर रहे हैं। इस समझौते से सरकार को लगभग 19 करोड़ पाउंड का नुकसान होने का आरोप है।
पाकिस्तान में चुनाव कराने की मांग को लेकर इमरान और नवाज शरीफ की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार के बीच विवाद चल रहा है। इमरान ने जल्द चुनाव कराने की मांग की है, जबकि सरकार इसे टालना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में महंगाई और बेरोजगारी बहुत अधिक बढ़ गई है। भारी कर्ज के बोझ से दबे पाकिस्तान के डिफॉल्ट करने का भी खतरा है।