चीन की ओर से घुसपैठ गतिविधियों का अप्रत्यक्ष जवाब देते हुए भारत ने अपने मित्र देश वियतनाम को आईएनएस कृपाण (INS Kirpan) वारशिप गिफ्ट किया है। यह इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट है जो भारत ने शनिवार को वियतनाम की नेवी को सौंप दिया। इंडियन नेवी ने इसे वियतनाम की कैम ऑफ रन खाड़ी में वियतनाम पीपल्स नेवी (VPN) के सुपुर्द कर दिया। आइए आपको बताते हैं इस मिसाइल दागी वारशिप की ताकत के बारे में।
आईएनएस कृपाण (INS Kirpan)
वियतनाम को भेंट करके भारत ने चीन को घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दिया है। आईएनएस कृपाण (INS Kirpan) के सौंपे जाने के बाद दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध और भी गहरा हो गया है। ANI के
अनुसार, ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने अपने किसी पड़ोसी मित्र को कोई पूरी तरह ऑपरेशनल वॉरशिप भेंट किया हो।
भारतीय नेवी चीफ एडमिरल आर हरी कुमार ने इसे भारत से सेवा निवृ्त किया और वियतनाम की नेवी को सौंप दिया।
INS Kirpan सन् 1991 से ही भारतीय नेवी के पूर्वी बेड़े का हिस्सा रहा है। पिछले 32 सालों में इसे कई मिशनों में इस्तेमाल किया गया। वियतनाम को यह वारशिप सौंपने के बाद भारत की
दक्षिणी चीन सागर में ताकत बढ़ेगी। कार्यक्रम के दौरान एडमिरल कुमार ने कहा कि वियतनाम भारत के लिए इंडो-पैसिफिक विजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए कृपाण का वियतनाम को सौंपा जाना दोनों देशों की गहरी दोस्ती की निशानी बनता है। बता दें कि एशियान देशों में वियतनाम एक महत्वपूर्ण देश गिना जाता है जिसका
चीन के साथ साउथ चाइना सागर में क्षेत्र को लेकर विवाद चला आ रहा है।
इस बीच भारत वियतनाम के लिए दक्षिणी चीन सागर में तेल अन्वेषण परियोजनाओं में मदद कर रहा है। दोनों देश मिलकर अपनी समुद्री सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं। 1991 से 2023 तक सर्विस में रहा आईएनएस कृपाण अब वियतनाम की नेवी का हिस्सा बन चुका है। यह जहाज 90 मीटर लंबा है और 10.45 मीटर चौड़ा है। यह 12 अधिकारियों और 100 नाविकों से संचालित होता है।