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Elon Musk की स्‍पेसएक्‍स हार गई! चीन ने उड़ाया दुनिया का पहला मीथेन पावर्ड रॉकेट

इस रॉकेट का नाम जुके-2 (Zhuque-2) है, जिसे बुधवार को जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्‍च किया गया।

Elon Musk की स्‍पेसएक्‍स हार गई! चीन ने उड़ाया दुनिया का पहला मीथेन पावर्ड रॉकेट

Photo Credit: SCMP/Weibo

इस कामयाबी के बाद लैंडस्पेस, मीथेन आधारित रॉकेट को लॉन्‍च करने वाली दुनिया की पहली एयरोस्‍पेस कंपनी बन गई है।

ख़ास बातें
  • चीन की प्राइवेट स्‍पेस कंपनी को मिली बड़ी कामयाबी
  • लैंडस्पेस ने लॉन्‍च किया मीथेन पावर्ड रॉकेट
  • ऐसा करने वाली यह दुनिया की पहली स्‍पेस कंपनी बनी
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अंतरिक्ष के क्षेत्र में दबदबा रखने वाले अमेरिका को हाल के वर्षों में सबसे ज्‍यादा चुनौती मिली है चीन से। चीन ने कई ऐसे स्‍पेस मिशन लॉन्‍च किए हैं, जो अमेरिका की नासा (Nasa) के मिशनों से टक्‍कर ले रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों के इस क्षेत्र में आने से स्‍पेस मिशन तेजी से पूरे हो रहे हैं। एलन मस्‍क (Elon Musk) की स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) तो कई रिकॉर्ड बना चुकी है। एक और प्राइवेट कंपनी इस सेक्‍टर में तेजी से उभरी है। उसकी कामयाबी ने स्‍पेसएक्‍स को भी पीछे छोड़ दिया है। 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी एयरोस्‍पेस कंपनी लैंडस्पेस (LandSpace) ने मीथेन (methane) और लिक्विड ऑक्सीजन (liquid oxygen) का इस्‍तेमाल करके एक रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्‍च किया है। इस रॉकेट का नाम जुके-2 (Zhuque-2) है, जिसे बुधवार को जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्‍च किया गया। इस कामयाबी के बाद लैंडस्पेस, मीथेन आधारित रॉकेट को लॉन्‍च करने वाली दुनिया की पहली एयरोस्‍पेस कंपनी बन गई है।  

बुधवार को किया गया लॉन्‍च कंपनी की दूसरी कोशिश थी। उसने पिछले साल दिसंबर में भी लॉन्‍च किया था, जोकि फेल हो गया था। मीथेन पावर्ड रॉकेट भविष्‍य के स्‍पेस मिशनों को किफायती बना सकते हैं। इनकी क्षमता ज्‍यादा और लागत कम है। मीथेन को अंतरिक्ष में भी पैदा किया जा सकता है। 

ऐसे रॉकेट जिन्‍हें बार-बार इस्‍तेमाल किया जाता है, उनमें भी मीथेन उपयोगी है। स्‍पेसएक्‍स कुछ समय से मीथेन पावर्ड रॉकेट उड़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई है। अब चीन की लैंडस्पेस ने यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।   

चीनी स्‍पेस मिशन बीते कुछ वर्षों में बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं। चीन अपने लैंडर को चांद पर उतारने में कामयाब रहा है। उसने अपना स्‍पेस स्‍टेशन भी तैयार कर लिया है। इस साल अप्रैल में चीनी एयरोस्‍पेस कंपनी बीजिंग तियानबिंग टेक्नोलॉजी (Beijing Tianbing Technology) ने अपनी पहली कोशिश में ही ऑर्बिट में पहुंचने में सफलता पाई थी। वह ऐसा करने वाली पहली प्राइवेट कंपनी थी।  
 
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