कॉरपोरेट सेक्टर में बहुत से एंप्लॉयीज की यह शिकायत रहती है कि उनके छुट्टी पर होने के बावजूद कई बार कंपनी से जुड़ी कॉल्स, ईमेल या मैसेज का जवाब देना पड़ता है। इससे उनकी छुट्टी खराब हो जाती है। इस समस्या पर एक भारतीय फर्म ने ध्यान दिया है और अपने स्टाफ के बिना किसी रुकावट के वैकेशंस का इंतजाम किया है।
यह फर्म Dream 11 है और इसने इस समस्या के समाधान के लिए एक दिलचस्प पॉलिसी 'Dream 11 अनप्लग' लागू की है। इस पॉलिसी के तहत फर्म का स्टाफ एक सप्ताह के लिए ऑफिस के कार्य और इससे जुड़े मैसेज, ईमेल या कॉल्स से पूरी तरह कटा रहेगा। इसके अलावा कोई सहकर्मी भी छुट्टी पर गए एंप्लॉयी को डिस्टर्ब नहीं कर सकेगा। Dream 11 ने एक लिंक्डइन पोस्ट में बताया, "Dream 11 में हम वास्तव में स्टाफ को प्रत्येक संभव कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म से अनप्लग करते हैं, चाहे वह स्लैक हो, ईमेल और वॉट्सऐप ग्रुप। इससे एंप्लॉयी को छुट्टी पर होने के दौरान कार्य से जुड़ा कोई संपर्क नहीं किया जाता।"
फर्म का कहना है कि वह समझती है कि छुट्टी पर अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना या आराम करना एंप्लॉयी के मूड और
प्रोडक्टिविटी में सुधार करने में काफी मदद कर सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इस स्पोर्ट्स टेक
फर्म के फाउंडर्स ने यह तय किया है कि अगर इस तरह की छुट्टी पर किसी एंप्लॉयी से कोई सहकर्मी संपर्क करता है तो उसे लगभग एक लाख रुपये का जुर्माना चुकाना होगा। फर्म की इस पॉलिसी के तहत सीनियर एग्जिक्यूटिव्स से लेकर नए एंप्लॉयी तक सभी को प्रत्येक वर्ष एक सप्ताह के लिए फर्म के सिस्टम से साइन आउट किया जाएगा।
फर्म के फाउंडर्स का कहना है कि इस पॉलिसी से यह भी पक्का होगा कि किसी एक वर्कर पर फर्म की अधिक निर्भरता न हो। विदेश में बहुत सी कंपनियों में वर्कर्स के छुट्टी पर होने के दौरान उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया जाता। हालांकि, भारत में स्थिति अलग है और अक्सर वर्कर्स को छुट्टी के दौरान भी अपनी फर्म से जुड़ी कॉल्स या मैसेज के उत्तर देने पड़ते हैं। वर्कर्स की ओर से उत्तर नहीं मिलने पर कई बार उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो जाती है।