देश में पिछले वित्त वर्ष में लगभग 131 अरब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजैक्शंस हुई हैं। इनकी कुल वैल्यू लगभग 200 लाख करोड़ रुपये की थी। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के अनुसार, इससे पिछले वित्त वर्ष में लगभग 83.7 करोड़ UPI ट्रांजैक्शंस हुई थी जिनकी वैल्यू लगभग 139 लाख करोड़ रुपये की थी।
UPI में
मोबाइल ऐप्स के जरिए रकम भेजने की सुविधा मिलती है। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल पेमेंट्स टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है। उनका कहना था, "देश के साधारण नागरिक UPI ट्रांजैक्शंस कर रहे हैं। ये केवल अडानी और अंबानी नहीं हैं, ये साधारण विक्रेता हैं।" UPI ट्रांजैक्शंस में PhonePe की हिस्सेदारी 48.3 प्रतिशत और Google Pay की 37.6 प्रतिशत की है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से बंदिशें लगाने के बाद
Paytm Payments Bank का मार्केट शेयर घटा है। सीतारमण का कहना था कि अगले कुछ वर्षों में दुनिया में भारत तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
पिछले कुछ वर्षों में UPI का दायरा तेजी से बढ़ा है। इसका विदेश में भी एक्सपैंशन किया जा रहा है। हाल ही में UPI सर्विस को श्रीलंका और मॉरीशस में लॉन्च किया गया था। भारत के इन दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंध मजबूत हो रहे हैं। मॉरीशस में RuPay कार्ड सर्विस को भी लॉन्च किया गया है। इससे श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए UPI सर्विस उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मॉडर्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ ऐतिहासिक संबंधों को जोड़ने वाला बताया था। मोदी का कहना था कि
UPI ने भारत के साथ सहयोगियों को एकजुट करने की नई जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने कहा था, "हिंद महासागर क्षेत्र में तीन मित्र देशों के लिए यह विशेष अवसर है क्योंकि हमारे ऐतिहासिक संबंधों को मॉडर्न डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जा रहा है।"
देश में डिजिटल रुपये का दायरा भी बढ़ रहा है। इससे RBI को पिछले वर्ष के अंत तक इसकी प्रति दिन 10 लाख ट्रांजैक्शंस का टारगेट पूरा करने में आसानी हुई है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या ई-रुपये को कैश के डिजिटल विकल्प के तौर पर डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है।