भारत को साइबर सुरक्षा और इंटरनेट प्राइवेसी की जागरुकता और ज्ञान के लिए दुनिया में 23वें स्थान पर रखा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष साइबर प्राइवेसी के बारे में अच्छा ज्ञान रखने वाले 58% भारतीय थे, लेकिन सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं को फॉलो करने वाले व उनके बारे में ज्ञान रखने वाले केवल 54% थे। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय मजबूत पासवर्ड बनाना और सोशल मीडिया और वेब ब्राउजरों पर संवेदनशील डेटा की सुरक्षा करना जानते हैं।
NordVPN ने इस साल अपनी एनुअल नेशनल प्राइवेसी टेस्ट
रिपोर्ट जारी की, जिसमें 175 देश शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा जागरूकता के मामले में पोलैंड और सिंगापुर 100 में से 64 अंक के साथ सबसे आगे थे। जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका 100 में से 63 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहें, जबकि यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल 100 में से 62 अंक के साथ बराबरी पर थे। वहीं, भारत ने 100 में से 61 अंक प्राप्त किए।
इससे पता चलता है कि ऑनलाइन प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा के बारे में दुनिया की समग्र जागरूकता साल दर साल घट रही है। ऑनलाइन खतरों की बढ़ती जटिलता इसका मुख्य कारण माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सोशल मीडिया और वेब ब्राउजर पर मजबूत पासवर्ड बनाने और संवेदनशील डेटा को सुरक्षित रखने में अच्छे हैं। हालांकि, केवल 5% ही डिजिटल गोपनीयता को सुरक्षित रखने वाले ऑनलाइन टूल के बारे में जानते हैं और 10 में से एक ISP मेटाडेटा से परिचित है। केवल 36% सर्विस की शर्तों को पढ़ने के महत्व को स्वीकार करते हैं। केवल 8% को जानकार साइबर स्टार्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इस वर्ष 58% लोग साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानते हैं। हालांकि, सुरक्षित डिजिटल प्रैक्टिस को लेकर केवल 54% ही जागरूक हैं। राष्ट्रीय गोपनियता के इस टेस्ट में भारत की रैंकिंग घट गई है और वैश्विक इंटरनेट गोपनीयता जागरूकता भी कम हो रही है। इस वर्ष का NPT स्कोर 61% है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 30-54 आयु वर्ग के लोगों के पास सबसे मजबूत साइबर सिक्योरिटी स्किल्स हैं।
NordVPN में इंजीनियरिंग के प्रमुख कार्लोस सालास का मानना है कि बिजनेस मार्केट में उपलब्ध साइबर सिक्योरिटी टूल्स की लंबी रेंज से भ्रमित हो सकते हैं, जिससे ये आंकड़े और प्रभावित हो सकते हैं। उनका कहना है कि किसी भी सॉल्यूशन में निवेश करने से पहले सावधानीपूर्वक विचार करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बिजनेस को संभावित जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपने कर्मचारियों को सभी अहम डिजिटल प्रैक्टिस के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता है।