पिछले कुछ वर्षों में देश में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ी है। जापान को पीछे छोड़कर दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन चुका है। इस मार्केट के सभी सेगमेंट्स में डिमांड में तेजी से बढ़ोतरी की वजह से बड़ी संख्या में व्हीकल्स बनाए जा रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष में भारत में लगभग 2.7 करोड़ व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग हुई थी।
एक मीडिया
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष में देश में व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग लगभग 108 अरब डॉलर की थी। देश में लगभग 2.7 करोड़ व्हीकल्स बनाए गए थे और इनमें टू-व्हीलर्स की संख्या लगभग दो करोड़ की थी। पिछले वित्त वर्ष में दुनिया के सबसे बड़ी व्हीकल्स के मार्केट चीन में भी लगभग इतनी ही संख्या में टू-व्हीलर्स की मैन्युफैक्चरिंग हुई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के कुल प्रोडक्शन में कमर्शियल व्हीकल्स की हिस्सेदारी लगभग 10 लाख यूनिट्स की थी। यह कुल वॉल्यूम का 4 प्रतिशत और कुल वैल्यू के लिहाज से लगभग 19 प्रतिशत था।
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट भी तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि SUV सेगमेंट का कुल वैल्यू में योगदान आधे से अधिक का था। कॉम्पैक्ट सब-सेगमेंट की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत और लग्जरी सेगमेंट की लगभग 13 प्रतिशत की थी। कस्टमर्स की पसंद में बदलाव हो रहा है और वे यूटिलिटी व्हीकल्स को चुन रहे हैं। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki सहित बहुत सी ऑटोमोबाइल कंपनियां इस वजह से SUV के सेगमेंट में नए मॉडल्स लॉन्च कर रही हैं। इस रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में कहा गया है कि इस सेगमेंट में टू-व्हीलर पर जोर अधिक है।
मजबूत डिमांड से पिछले महीने ऑटोमोबाइल कंपनियों की रिटेल सेल्स लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 20,19,414 यूनिट्स पर पहुंच गई थी। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 18,33,421 यूनिट्स का था। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने बताया था कि व्हीकल्स की उपलब्धता बढ़ने के साथ नए लॉन्च के कारण डिमांड में तेजी से पैसेंजर व्हीकल्स की
सेल्स में रिकवरी हुई है। पिछले महीने टू-व्हीलर्स की रिटेल सेल्स नौ प्रतिशत बढ़कर 14,93,234 यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष के इसी महीने में 13,65,924 यूनिट्स की थी। टू-व्हीलर्स की सेल्स बढ़ने के पीछे केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली FAME में कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिमांड बढ़ना प्रमुख कारण रहे थे।