Google अब देगी जवाबदेही का जवाब; 4100 करोड़ का खर्च तय, सिस्टम होगा फुल रीसेट!

यह मुकदमा मिशिगन की पेंशन फंड्स की तरफ से फाइल किया गया था और इसमें किसी फाइनेंशियल मुआवजे की डिमांड नहीं थी, सिर्फ कंपनी के गवर्नेंस सिस्टम में बदलाव की मांग थी।

Google अब देगी जवाबदेही का जवाब; 4100 करोड़ का खर्च तय, सिस्टम होगा फुल रीसेट!

Photo Credit: Reuters

Google इस फैसले के तहत कई इंटरनल स्ट्रक्चरल चेंज करने वाला है

ख़ास बातें
  • Google ने 10 साल में $500 मिलियन खर्च करने का फैसला किया
  • शेयरहोल्डर केस के बाद कंपनी बनाएगी स्पेशल बोर्ड कमेटी और नई टीम
  • DOJ की जांच के बीच यह कदम माना जा रहा है स्ट्रैटजिक डैमेज कंट्रोल
विज्ञापन
Alphabet Inc., यानी Google की पैरेंट कंपनी ने एक बड़ा ऐलान किया है। कंपनी आने वाले 10 सालों में $500 मिलियन (करीब 4,277 करोड़ रुपये) खर्च करेगी अपने कंप्लायंस सिस्टम को पूरी तरह से रिवैम्प करने के लिए। यह कदम कंपनी ने एक शेयरहोल्डर डेरिवेटिव केस के सेटलमेंट के तौर पर उठाया है, जिसमें Google पर आरोप था कि उसने अपने टॉप एक्जीक्यूटिव्स के जरिए एंटी-ट्रस्ट नियमों की अनदेखी की।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मुकदमा मिशिगन की पेंशन फंड्स की तरफ से फाइल किया गया था और इसमें किसी फाइनेंशियल मुआवजे की डिमांड नहीं थी, सिर्फ कंपनी के गवर्नेंस सिस्टम में बदलाव की मांग थी। अब कंपनी ने इसे कोर्ट में लंबी लड़ाई की जगह सेटलमेंट के जरिए सुलझाने का रास्ता चुना है। इस सेटलमेंट को अभी अमेरिकी जज रीटा लिन की मंजूरी मिलनी बाकी है।

Google इस फैसले के तहत कई इंटरनल स्ट्रक्चरल चेंज करने वाला है। रिपोर्ट बताती है कि सबसे पहले, कंपनी एक स्पेशल बोर्ड कमेटी बनाएगी जो सिर्फ कंप्लायंस और रिस्क पर फोकस करेगी, ये फाइनेंस या ऑडिट से पूरी तरह अलग होगी। इसके अलावा एक सीनियर वाइस प्रेजिडेंट लेवल की टीम बनाई जाएगी, जो डायरेक्टली CEO सुंदर पिचाई को रिपोर्ट करेगी और रेगुलेटरी इश्यूज को हैंडल करेगी। साथ ही, प्रोडक्ट मैनेजर्स और इंटरनल एक्सपर्ट्स की एक खास टीम बनाई जाएगी जो प्रोडक्ट्स को रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स के हिसाब से ऑपरेट करेगी।

Alphabet ने भले ही इस केस में किसी भी तरह की गड़बड़ी स्वीकार नहीं की है, लेकिन DOJ (U.S. Justice Dept) की चल रही जांच और ट्रायल्स को देखते हुए यह कदम कंपनी की ओर से डैमेज कंट्रोल का हिस्सा माना जा रहा है। रिपोर्ट आगे बताती है कि जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर Google दोषी पाया गया तो उससे Chrome ब्राउजर तक को अलग करने को कहा जा सकता है, साथ ही कंपनी को सर्च डेटा शेयर करने जैसी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।

यह पूरा बदलाव Google के लिए सिर्फ एक लीगल रिस्पॉन्स नहीं है, बल्कि एक बड़े स्ट्रैटजिक शिफ्ट का संकेत भी है, जहां कंपनी अब कंप्लायंस और ट्रांसपेरेंसी पर उतनी ही गंभीरता से फोकस कर रही है, जितना वह अपने AI या प्रोडक्ट इनोवेशन पर करती है।

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Google, Google case, Google News, alphabet
नितेश पपनोई Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech products like smartphones, headphones, and smartwatches. At Gadgets 360, he is covering all ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Apple के iPhone 16e की घटी सेल्स, बंद हो सकती है iPhone Air की मैन्युफैक्चरिंग 
  2. ChatGPT का अमीर यूजर्स कर रहे हैं सबसे ज्यादा उपयोग, जानें क्यों हो रहा उनके बीच लोकप्रिय?
  3. Vivo X500 में मिलेगा 7000mAh के साथ भारी बैटरी अपग्रेड!
  4. Samsung Galaxy Tab A11+ लॉन्च हुआ ग्लोबल मार्केट में, 8GB रैम, 7040mAh बैटरी से लैस, जानें कीमत
  5. DJI ने लॉन्च किया Neo 2 ड्रोन, 12MP कैमरा के साथ 4K 100fps रिकॉर्डिंग और एडवांस ट्रैकिंग जैसे फीचर्स
  6. Mobile को चार्ज करते हुए इस्तेमाल क्यो नहीं करना चाहिए? जानें 10 कारण
  7. Mobile हैक होने पर क्या हैकर आपकी स्क्रीन का देख सकता है? जानें
  8. BSNL शुरू करने जा रहा VoWi-Fi टेक्नोलॉजी, बिना नेटवर्क भी कॉल कर पाएंगे ग्राहक
  9. Google Maps बताएगा कितनी रखें स्पीड लिमिट! UP के इस शहर से शुरू हुआ गूगल का खास प्रोजेक्ट
  10. 5200 रुपये सस्ता मिल रहा 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला Nothing स्मार्टफोन, जल्द करें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »