ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने एक बार फिर छंटनी करने का फैसला किया है। इस वर्ष यह तीसरी बार होगी कि जब कंपनी से एंप्लॉयीज को बाहर किया जाएगा। गूगल न्यूज डिविजन से लगभग 40 एंप्लॉयीज की छंटनी होगी। इस वर्ष की शुरुआत में कंपनी ने लगभग 12,000 एंप्लॉयीज को हटाने की घोषणा की थी।
गूगल ने
CNBC को छंटनी की पुष्टि की है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, "हम एक बेहतर इनफॉर्मेशन इकोसिस्टम के लिए प्रतिबद्ध हैं और न्यूज लंबी अवधि के इनवेस्टमेंट का एक हिस्सा है। हमने संतुलन बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। इसका कुछ एंप्लॉयीज पर असर पड़ा है। हम इन एंप्लॉयीज की मदद कर रहे हैं।" इसके साथ ही उनका कहना था कि कंपनी टॉप इंजीनियरिंग और टेक्निकल टैलेंट में इनवेस्टमेंट कर रही है और इसके साथ कुल हायरिंग की रफ्तार कम की जा रही है। इस वर्ष लगभग सभी बड़ी टेक कंपनी में छंटनी हुई है। इनमें Amazon, Microsoft, Meta और Intel शामिल हैं। इन सभी कंपनियों से हजारों एंप्लॉयीज को बाहर किया गया है।
पिछले कुछ महीनों में गूगल के लिए भारत में मुश्किलें बढ़ी हैं। Google ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) पर आरोप लगाया था कि वह उसकी प्रतिद्वंद्वी Amazon की सुरक्षा के लिए गूगल को बिजनेस मॉडल में बदलाव करने का आदेश दे रहा है। एमेजॉन ने शिकायत की थी कि गूगल की ओर से लगाई जा रही रुकावटों की वजह से उसे Android सिस्टम का एक अलग वर्जन डिवेलप करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गूगल ने सुप्रीम कोर्ट से CCI के उस ऑर्डर को खारिज करने की गुहार लगाई थी जिसमें कंपनी को उसके बिजनेस मॉडल में 10 बदलाव करने के लिए कहा गया था। CCI ने अपनी जांच में पाया था कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के मार्केट में अपनी मजबूत स्थिति का गूगल गलत इस्तेमाल कर रही है। देश में लगभग 97 प्रतिशत स्मार्टफोन्स एंड्रॉयड पर चलते हैं। सुप्रीम कोर्ट में
गूगल की ओर से की गई फाइलिंग से पता चला था कि कंपनी ने एंड्रॉयड से जुड़ी CCI की जांच के तरीके पर कड़ी आपत्ति जताई है। पिछले वर्ष के अंत में एक ट्राइब्यूनल में दायर याचिका में गूगल ने कहा था कि CCI ने कंपनी के खिलाफ इसी तरह के एक मामले में यूरोप में दिए गए फैसले के हिस्सों की नकल की है।