बच्चों की प्राइवेसी का उल्लंघन करने पर कानूनी मुश्किल में फंसे Google और YouTube

अमेरिका के सिएटल में अपील्स कोर्ट इस मुकदमे की समीक्षा कर रहा है। अमेरिकी कानून के तहत, फेडरल ट्रेड कमीशन और स्टेट अटॉर्नी जनरल के पास 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बारे में व्यक्तिगत डेटा को ऑनलाइन एकत्र करने पर नियंत्रण का अधिकार है

बच्चों की प्राइवेसी का उल्लंघन करने पर कानूनी मुश्किल में फंसे Google और YouTube

गूगल पर डेटा कलेक्शन में कानून का उल्लंघन करने का आरोप है

ख़ास बातें
  • गूगल के लिए भारत में भी मुश्किलें बढ़ रही हैं
  • देश में कंपनी पर लगभग 1,338 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई है
  • गूगल पर कॉम्पिटशन एक्ट के उल्लंघन का आरोप है
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इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को चलाने वाली Alphabet और कुछ अन्य कंपनियों पर 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों की YouTube एक्टिविटी उनके अभिभावकों की सहमति के बिना ट्रैक करने के आरोप  में अमेरिका में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। इन कंपनियों पर बच्चों की यूट्यूब एक्टिविटी ट्रैक कर उसका इस्तेमाल उन्हें विज्ञापन दिखाने के लिए करने का आरोप है।

अमेरिका के सिएटल में अपील्स कोर्ट इस मुकदमे की समीक्षा कर रहा है। अमेरिकी कानून के तहत, फेडरल ट्रेड कमीशन और स्टेट अटॉर्नी जनरल के पास 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बारे में व्यक्तिगत डेटा को ऑनलाइन एकत्र करने पर नियंत्रण का अधिकार है। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि गूगल की ओर से किए गए डेटा कलेक्शन में कानून का उल्लंघन किया गया है। इसमें बताया गया है कि Hasbro, Mattel और Cartoon Network बच्चों की एक्टिविटी की ट्रैकिंग की जानकारी होने के कारण उन्हें अपने चैनल्स की ओर आकर्षित करते हैं। 

पिछले वर्ष सैन फ्रांसिस्को के एक कोर्ट ने मुकदमे को खारिज कर दिया था। कोर्ट का कहना था कि फेडरल प्राइवेसी लॉ में कैलिफोर्निया, कोलाराडो, न्यू जर्सी और कुछ अन्य राज्यों के कानून के तहत दावों का पहले से अनुमान लगाया गया था। हालांकि, इस मुकदमे पर अब दोबारा विचार किया जा रहा है। इस बारे में गूगल और कंटेंट प्रोवाइडर्स को भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला है।

गूगल के लिए भारत में भी मुश्किलें बढ़ रही हैं। देश की प्रमुख नेविगेशन फर्म  MapMyIndia का कहना है कि गूगल की कॉम्पिटिशन विरोधी एक्टिविटीज से भारतीय कंज्यूमर्स और इकोनॉमी को नुकसान हो रहा है। इन एक्टिविटीज से गूगल के भारतीय प्रतिस्पर्धियों के लिए कारोबार करना मुश्किल हो रहा है। कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइसेज को लेकर अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए गूगल पर अक्टूबर में लगभग 1,338 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी। इसके साथ ही गूगल को ऐसे कारोबारी तरीकों को बंद करने और इनसे बचने का आदेश दिया था। गूगल ने CCI के ऑर्डर को अपीलेट ट्राइब्यूनल NCLAT में चुनौती दी है। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, "हमने एंड्रॉयड पर CCI के ऑर्डर के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। हमारा मानना है कि यह हमारे उन भारतीय यूजर्स और कारोबारों के लिए बड़ा धक्का है जो एंड्रॉयड के सिक्योरिटी फीचर्स पर विश्वास करते हैं।" 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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