सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook को चलाने वाली Meta ने इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण हायरिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है। कंपनी के प्रमुख Mark Zuckerberg ने एक मीटिंग के दौरान यह जानकारी दी है। कंपनी को इस वर्ष पहली बार तिमाही रेवेन्यू में गिरावट और घटते प्रॉफिट का सामना करना पड़ा है।
Wall Street Journal ने एक
रिपोर्ट में बताया कि Meta ने कॉस्ट में कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती के लिए हायरिंग रोकने का फैसला किया है। कंपनी ने कई वर्षों से लगातार ग्रोथ की थी लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी। Meta ने हायरिंग को रोकने के फैसले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। Zuckerberg ने एनालिस्ट्स को बताया, "यह मुश्किल दौर है और मुझे कम रिसोर्सेज के साथ अधिक काम करने की उम्मीद है।" इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण बड़ी टेक कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ा है। इस वजह से मार्केटिंग के बजट में भी कमी की जा रही है। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon ने भी इस वर्ष वर्कफोर्स घटाने की घोषणा की है।
इससे पहले जुलाई में Meta ने इस वर्ष इंजीनियर्स की हायरिंग में कम से कम 30 प्रतिशत की कमी करने का फैसला किया था। इस बारे में Zuckerberg ने एंप्लॉयीज को बताया था कि कंपनी ने हायरिंग के अपने टारगेट को घटाया है। इसके साथ ही उन्होंने स्लोडाउन का बड़ा असर होने की भी चेतावनी दी थी।
Zuckerberg को कंपनी की रीब्रांडिंग और मेटावर्स पर फोकस बढ़ाने से भारी नुकसान हुआ है। इस वर्ष उनकी वेल्थ लगभग आधी कम हो गई है। उनकी नेटवर्थ ग्लोबल बिलिनेयर्स में 20वें स्थान पर है, जो पिछले आठ वर्षों में सबसे निचला रैंक है। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, Zuckerberg की वेल्थ में लगभग 71 अरब डॉलर की कमी हुई है। उनकी कुल वेल्थ लगभग 56 अरब डॉलर की रह गई है। दो वर्ष पहले तक वह ग्लोबल बिलिनेयर्स में Jeff Bezos और Bill Gates के बाद तीसरे स्थान पर थे। पिछले वर्ष सितंबर में उनकी
कंपनी के शेयर का प्राइस 382 डॉलर पर पहुंचने के साथ Zuckerberg की वेल्थ बढ़कर लगभग 142 अरब डॉलर हो गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी का नाम Facebook Inc से बदलकर Meta कर दिया था। इसके साथ ही जकरबर्ग के लिए मुश्किलों की शुरुआत हो गई थी। कंपनी ने फरवरी में बताया था कि फेसबुक के यूजर्स में कोई बढ़ोतरी हुई है। इसके शेयर के प्राइस में भी भारी गिरावट आई थी।