सोशल मीडिया साइट Facebook को चलाने वाली कंपनी Meta ने अपने दो दर्जन से अधिक वर्कर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को यूजर एकाउंट्स का एक्सेस हैकर्स को देने के बदले रिश्वत लेने के लिए कंपनी से निकाल दिया है। इनमें से कुछ वर्कर्स ने हजारों डॉलर की रिश्वत ली लेकर हैकर्स की मदद की थी।
Wall Street Journal में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से कुछ वर्कर्स ने यूजर एकाउंट्स पर गलत तरीकों से कब्जा किया था। फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को चलाने वाली Meta के पास 3.7 अरब से अधिक यूजर्स का डेटा है और इस कारण से कंपनी और इसके यूजर्स को कई बार हैकर्स निशाना चुके हैं। मेटा ने पिछले महीने कहा था कि वह फेसबुक के लगभग 10 लाख यूजर्स को यह सूचना देने की तैयारी कर रही है कि उनके एकाउंट से जुड़ी डिटेल्स कुछ ऐप्स के जरिए चुराई गई हैं। मेटा ने कुछ कॉन्ट्रैक्टर्स को फेसबुक का एक टूल दिया है जिससे ऐसे यूजर्स की मदद की जा सकती है जो अपना पासवर्ड भूल गए हैं या जिनके एकाउंट्स पर हैकर्स ने कब्जा कर लिया है। इस टूल का कुछ कॉन्ट्रैक्टर्स के गलत इस्तेमाल करने की आशंका है।
पिछले सप्ताह Meta ने 11,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी करने की घोषणा की थी। यह कंपनी की कुल
वर्कफोर्स का लगभग 13 प्रतिशत है। इस वर्ष टेक कंपनियों में बड़ी छंटनियों में से यह एक है। Meta को कॉस्ट बढ़ने और विज्ञापनों में कमजोरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इस वर्ष इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है।
मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया, "मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।" उन्होंने कहा कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है। कंपनी से हटाए जाने वाले स्टाफ को 16 सप्ताह की बेस पे के साथ ही प्रत्येक वर्ष की सर्विस के लिए दो अतिरिक्त सप्ताह की बेस पे दी जाएगी। इसके अलावा छह महीने की हेल्थकेयर कॉस्ट का भी कंपनी भुगतान करेगी।