डिजिटल रुपये के रिटेल ट्रायल में जुड़े 50 लाख यूजर्स

इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को दिसंबर 2022 में शुरू किया गया था। कुछ अन्य देशों में भी CBDC का ट्रायल हो रहा है

डिजिटल रुपये के रिटेल ट्रायल में जुड़े 50 लाख यूजर्स

Google Pay और PhonePe जैसे UPI ऐप्स भी डिजिटल रुपये के ट्रायल में शामिल हो सकते हैं

ख़ास बातें
  • इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को दिसंबर 2022 में शुरू किया गया था
  • कुछ अन्य देशों में भी CBDC का ट्रायल किया जा रहा है
  • RBI इसे फाइनेंशियल सिस्टम में जोड़ने के लिए जल्दबाजी नहीं करेगा
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देश के डिजिटल रुपये या ई-रुपी का ट्रायल तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें 50 लाख यूजर्स जुड़ चुके हैं। डिजिटल रुपये का ट्रायल 16 बैंकों के साथ मिलकर किया जा रहा है। इस सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को दिसंबर 2022 में शुरू किया गया था। कुछ अन्य देशों में भी CBDC का ट्रायल किया जा रहा है। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर, Shaktikanta Das ने बताया कि ई-रुपये के रिटेल ट्रायल में लगभग 50 लाख यूजर्स जुड़े हैं। उनका कहना था कि RBI इसे फाइनेंशियल सिस्टम में जोड़ने में जल्दबाजी नहीं करेगा। दास ने बताया कि ई-रुपये का प्रोगामेबिलिटी फीचर इसे फाइनेंशियल सिस्टम में जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण होगा। इससे किसानों को भी आसानी से कर्ज मिल सकेगा। दास ने कहा, "किराए पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों को खेती में इस्तेमाल होने वाले मैटीरियल के लिए कर्ज लेने में मुश्किल होती है क्योंकि उनके पास बैंकों को जमा करने के लिए जमीन का मालिकाना हक नहीं होता। ई-रुपये के इस्तेमाल की प्रोगामिंग करने से खेती से जुड़े कर्ज लेने में किसानों को आसानी होगी। इससे बैंकों को किसान की पहचान तय करने के लिए उसके जमीन के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।" 

इस महीने की शुरुआत में Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि Google Pay और PhonePe जैसे UPI ऐप्स भी RBI की निगरानी में डिजिटल रुपये के ट्रायल में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। डिजिटल रुपये (ई-रूपी) को दुबई में भी स्वीकार किया जाएगा। हाल ही में दुबई के क्रिप्टो एक्सचेंज ByBit ने ई-रुपये का अपनी पीयर-टु-पीयर (P2P) ट्रांजैक्शन सर्विस के लिए इंटीग्रेशन करने की घोषणा की थी। ByBit ने बताया था कि ई-रूपी के लिए सपोर्ट को लेकर उसे भारतीय मर्चेंट्स से निवेदन मिले थे। P2P पेमेंट्स में एक्सचेंज के वॉलेट में सेलर क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर पेमेंट को जमा करता है। इसके बार सेलर एसेट का एक सेल प्राइस तय करता है। अगर बायर उस प्राइस को स्वीकार करता है तो एक्सचेंज पर डील हो जाती है। इसके बाद बायर की ओर से सेलर के बैंक एकाउंट में सीधे पेमेंट भेजी जाती है। इस प्रकार से P2P ट्रांजैक्शन पूरी हो जाती है। 

RBI की ओर से जारी की गई इस डिजिटल करेंसी से रुपये में ट्रेड करने वाले मर्चेंट्स को डिजिटल ट्रांजैक्शंस की प्रोसेसिंग सुरक्षित होने का विश्वास है। ByBit की P2P ट्रांजैक्शंस से मर्चेंट्स को रुपये में पेमेंट्स स्वीकार करने की सुविधा मिल सकेगी। इससे उनके बैंक एकाउंट्स को सायबर अपराधियों के निशाना बनाने का जोखिम कम हो जाएगा। 
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राधिका पाराशर

राधिका पाराशर के पास Gadgets 360 में वरिष्ठ संवाददाता की पोस्ट है। ये ...और भी

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