पिछले कुछ सप्ताह में चीन और कुछ अन्य देशों में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण केंद्र सरकार ने ऐसे देशों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोविड की टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है। इन देशों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड शामिल हैं।
हेल्थ मिनिस्टर Mansukh Mandaviya ने ट्वीट कर बताया, "दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शनिवार से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए कोविड का टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।" इसके अलावा केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी मेडिकल ऑक्सिजन इक्विपमेंट सही तरीके से कार्य कर रहे हों। इस महामारी से निपटने के लिए मेडिकल ऑक्सिजन सभी हॉस्पिटल्स में एक महत्वपूर्ण रिसोर्स है।
चीन में कोरोना के Omicron BF.7 वेरिएंट के कारण संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में भी नए मामले मिल रहे हैं। भारत में कोविड के मामलों की संख्या कम है। हालांकि, कोरोना से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए मेडिकल सुविधाओं का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है।
इस
महामारी की शुरुआत
चीन से मानी जाती है। चीन में कोरोना के मामले दोबारा तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके BF.7 वेरिएंट के कारण वहां हालात बिगड़ रहे हैं। हॉस्पिटल्स में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हैं और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। चीन से आ रही रिपोर्ट्स ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस सप्ताह चीन के एक हॉस्पिटल का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था, जिसमें देखा जा सकता है कि एक डॉक्टर काम के बोझ के कारण इतना थक गया कि अपनी कुर्सी पर ही गिर गया। विशेषज्ञों का दावा है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी जनसंख्या और पूरी दुनिया की 10 फीसदी जनसंख्या को यह संक्रमण हो सकता है। चीन में यह स्थिति तब है, जब शी-जिनपिंग की लीडरशिप वाला यह देश ‘जीरो-कोविड पॉलिसी' को फॉलो करता है। कोरोना के मामलों में तेजी आने पर शहरों में लॉकडाउन लगा दिया जाता है। महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने चीन में कोरोना की खराब स्थिति के लिए थर्मोन्यूक्लियर बैड शब्द का इस्तेमाल किया है। इसका मतलब है कि चीन में हॉस्पिटल्स पर बहुत अधिक बोझ हैं और वे इसे संभाल नहीं पा रहे।