भारत के पड़ोसी देश चीन (China) में कोविड से त्राहिमाम मच गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अस्पतालों में व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। हजारों की संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं। मौतों की संख्या लाखों में पहुंचने का अनुमान है। विशेषज्ञों का दावा है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी आबादी और पृथ्वी की 10 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो सकती है। चीन में बिगड़े हालात के बीच महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है।
चीन में यह स्थिति तब है, जब शी-जिनपिंग की लीडरशिप वाला यह देश ‘जीरो-कोविड पॉलिसी' को फॉलो करता है। कोरोना के मामलों में थोड़ी से भी तेजी आने पर शहरों में लॉकडाउन लगा दिया जाता है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन में कोविड का मौजूदा प्रकोप 27 अक्टूबर से शुरू हुआ। ग्लोबल टाइम्स ने 10 नवंबर को इस बारे में जानकारी दी। चीनी सरकार ने नियमों को और सख्त किया, लेकिन मामले बढ़ते चले गए और अब हालात बेकाबू हैं।
BF.7 वैरिएंट मचा रहा कहर
चीन में कोविड का जो वैरिएंट कहर बरपा रहा है, उसका नाम
BF.7 बताया जाता है। यह BA.5 का एक सबवेरिएंट, जो ओमिक्रॉन के सबसे व्यापक रूप से फैलने वाले सब वैरिएंट में से एक है।
महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने अपने
ट्वीट्स की सीरीज में थर्मोन्यूक्लियर बैड (THERMONUCLEAR BAD) शब्द का इस्तेमाल किया है। इसका मतलब है कि चीन में अस्पतालों की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। अगले 90 दिनों में चीन के 60 फीसदी और पृथ्वी की 10 फीसदी आबादी के संक्रमित होने की संभावना है। कई लाख मौतें हो सकती हैं और यह शुरुआत है। अपने ट्वीट्स में एरिक ने चीन में कोविड की स्थिति, अंतिम संस्कार के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी और मुर्दाघरों में उमड़ रही भीड़ के बारे में बात की है। उन्होंने बताया है कि जो स्थिति है, वह छुपाई जा रही है। मौतों की संख्या को कम रिपोर्ट किया जा रहा है।
अपने एक ट्वीट में एरिक फेगल-डिंग ने लिखा है। बहुत से लोगों ने जनवरी 2020 में भी मेरी बातों पर भरोसा नहीं किया था जब मैंने चेतावनी देने की कोशिश की थी कि ‘नोवेल कोरोनावायरस' एक महामारी है जिसे दुनिया ने 1918 के बाद से नहीं देखा है। उन्होंने कहा है कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ।
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के अनुमानों पर आधारित एक मॉडल में कहा गया है कि चीन में अप्रैल तक कोविड से मरने वालों की संख्या 5 लाख से अधिक हो जाएगी। 2023 के आखिर तक 16 लाख तक मौतें होने की संभावना है।