प्रस्तावित नियम ‘टेक्स्ट, पिक्चर, वॉइस, वीडियो और अन्य इन्फर्मेशन प्रोडक्शन’ के साथ-साथ इंस्टेंट मेसेजिंग, समाचार प्रसार, फोरम कम्युनिटीज, लाइवस्ट्रीमिंग और ई-कॉमर्स पर लागू होंगे।
रेग्युलेटर ने कहा है कि मोबाइल ऐप प्रोवाइडर्स को ऐसी गतिविधियों का संचालन नहीं करना चाहिए, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हों।
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