Apple कथित तौर पर भारत में फोल्डेबल iPhone बनाने की तैयारी कर रहा है।
Photo Credit: Unsplash/ Laurenz Heymann
Apple फोल्डेबल आईफोन बनाने का प्लान बना रहा है।
Apple कथित तौर पर भारत में फोल्डेबल iPhone बनाने की तैयारी कर रहा है। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ताइवान में फोल्डेबल iPhone के लिए एक टेस्ट प्रोडक्शन लाइन बनाने के लिए सप्लायर्स के साथ बातचीत कर रही है, जिसका उद्देश्य भारत में इस डिवाइस का बड़े स्तर पर प्रोडक्शन करना है। टेक दिग्गज कथित तौर पर अगले साल फोल्डेबल iPhone के लॉन्च के साथ कुल फोन शिपमेंट में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का लक्ष्य रख रही है। फिलहाल वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव चल रहा है, जिसको देखते हुए Apple को अपना प्रोडक्शन चीन से बाहर ट्रांसफर करने में मदद मिल सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, Apple सप्लायर्स ने कथित तौर पर नॉर्थ ताइवान में जमीन खोजी है। हालांकि, प्लान की अभी पुष्टि नहीं हुई है। ताइवान में सबसे बड़ी चुनौतियां सीमित जमीन और लेबर है, यहां तक कि एक पायलट लाइन के लिए भी करीब 1 हजार कर्मियों की जरूरत होती है। ताइवान में Apple सप्लायर्स के इंजीनियरिंग रिसोर्स और इकोसिस्टम का उपयोग करके एक छोटी पायलट लाइन बनाना है जो डिवाइस का वेरिफिकेशन करेगी और फोल्डेबल iPhone बनाने के लिए पेरामीटर और मैन्युफैक्चरिंग स्टेप को ठीक करेगी। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत में बड़े स्तर पर प्रोडक्शन के लिए दोहराया जाएगा। इसका उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया को कम करने और भारत में इसे ठीक तरीके से लागू करना है।
Apple उम्मीद कर रहा है कि फोल्डेबल iPhone, फोल्डेबल और रेगुलर दोनों मॉडल्स की डिमांड में बढ़ोतरी करेगा। शुरुआती प्लान से पता चला है कि 2026 में लगभग 9.5 करोड़ आईफोन का प्रोडक्शन हो सकता है, जो बीते कई वर्षों में सबसे ज्यादा है और 2025 के मुकाबले में 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी है, जिससे कुल शिपमेंट 24 करोड़ यूनिट से ज्यादा हो जाएगी। इस साल लॉन्च हुई iPhone 17 सीरीज के लिए Apple ने 8.5 करोड़ यूनिट का अनुमान लगाया है, जिससे 2025 में अनुमानित 22 करोड़ आईफोन का प्रोडक्शन होगा। मार्केट में प्रतिक्रिया के आधार पर प्रोडक्शन में बदलाव हो सकता है।
ताइवान-भारत प्लान को अमेरिका-चीन और चीन-भारत टेंशन से जुड़े जोखिमों से निपटने के एक नए तरीके के तौर पर भी देखा जा रहा है। Apple भारत की प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने के लिए काम कर रहा है, लेकिन उसे चीन से इक्विपमेंट इंपोर्ट करने और चीनी इंजीनियरों को हायर करने में अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि Apple को और ज्यादा भारतीय सप्लायर्स को अपने साथ जोड़ना होगा और साथ ही ताइवान से नए इक्विपमेंट सप्लायर्स भी लाने होंगे।
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