बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon ने भी क्विक-कॉमर्स के सेगमेंट में एंट्री की है। एमेजॉन ने इसके लिए नई डिविजन Amazon Now को शुरू किया है। पिछले कुछ महीनों से कंपनी इस सर्विस का बेंगलुरु के चुनिंदा एरिया में ट्रायल कर रही थी। देश में पिछले कुछ वर्षों में क्विक-कॉमर्स का सेगमेंट तेजी से बढ़ा है।
एमेजॉन की इस सर्विस से इस सेगमेंट में Zomato की Blinkit, Swiggy की Instamart और Zepto को कड़ा मुकाबला मिल सकता है। क्विक-कॉमर्स के मार्केट में इन तीनों कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है। ये कंपनियां ग्रॉसरी से लेकर
गैजेट्स तक की 15 मिनट से कम में डिलीवरी की पेशकश करती हैं। ई-कॉमर्स मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली एमेजॉन की सामान्य डिलीवरी सर्विस में प्रोडक्ट्स की समान दिन या कुछ दिनों में डिलीवरी होती है। क्विक-कॉमर्स के सगमेंट में कंपनी को लॉजिस्टिक्स का मजबूत स्ट्रक्चर बनाना होगा।
कंपनी ने बताया है कि इस सर्विस के जून में बेंगलुरु में लॉन्च के बाद इसका विस्तार राजधानी दिल्ली में किया जा रहा है। शुरुआत में यह 10 मिनट में ग्रॉसरी, स्नैक्स, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स और फलों और सब्जियों जैसी प्रति दिन की जरूरत वाली चीजों की 10 मिनट में डिलीवरी करेगी।
एमेजॉन की योजना इसके लिए दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में इस वर्ष के अंत तक 300 डार्क स्टोर्स शुरू करने की है। क्विक कॉमर्स मार्केट की वार्षिक सेल्स लगभग छह अरब डॉलर होने का अनुमान है। मार्केट रिसर्च फर्म Datum Intelligence के अनुसार, इस सेगमेंट में ब्लिंकिट की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत की है।
इस सर्विस को एमेजॉन ने पश्चिमी दिल्ली में शुरू किया है। कंपनी की योजना जल्द ही इसे अन्य क्षेत्रों में पेश करने की है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में बिजनेस को बढ़ाने के लिए एमेजॉन ने काफी इनवेस्टमेंट किया है। हाल ही में कंपनी ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में प्रोडक्ट्स की जल्द डिलीवरी के लिए पांच नए फुलफिलमेंट सेंटर खोले थे। क्विक-कॉमर्स से जुड़ी कंपनियों पर कुछ आरोप भी लगे बैं। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) ने कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) को लिखे एक पत्र में कहा था कि क्विक ये कंपनियां कम प्राइसिंग या भारी डिस्काउंट देकर कस्टमर्स को खींचने का प्रयास कर रही हैं। इस पत्र में CCI से सामान्य डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के हितों की सुरक्षा के लिए उपाय लागू करने का निवेदन भी किया गया था।